मीठे अनुभवों की
मीठी यादें देकर
मीठी यादें देकर
पांच दिन की
धूम मचा कर
धूम मचा कर
कर गई सूना मन
दीपावली की जगमग से
रोशन था घर और मन
मेहमानों से भरा घर आंगन
मस्ती से झूमता
बच्चों का मन
बच्चों का मन
कुछ नये लम्हों की मस्ती थी
कुछ बीते लम्हों की यादें
मिलकर खूब धूम मचाई
फिर से सब हो लिए
वापस अपने घर
लेकर नई सुनहरी यादें
चलो जिएं फिर वही जिंदगी
लेकर मन में मीठे अनुभव
चलो पल बांटें
खुशियों के हम
खुशियों के हम
वक्त के साथ आगे बढ़ना
यही दुनिया की रीत है
नए अनुभवों को जीते रहना
यही जीवन से प्रीत है
***अनुराधा चौहान***
वक्त के साथ आगे बढ़ना
ReplyDeleteयही दुनिया की रीत है
नए अनुभवों को जीते रहना
यही जीवन से प्रीत है
बिल्कुल सही कहा, अनुराधा दी। बहुत सुंदर👌👌
धन्यवाद ज्योती जी
Deleteसुंदर!!!
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteवाहहह.. सुंदर रचना अनुराधा जी।
ReplyDeleteधन्यवाद श्वेता जी आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए
Deleteब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 10/11/2018 की बुलेटिन, " सेर पे सवा सेर - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteधन्यवाद शिवम् जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए
Deleteवाह कितनी सहज और सुंदर सार्थक सच्चे दिल की गहराई से निकली भाव रचना ।
ReplyDeleteवाह्ह।
बहुत बहुत आभार सखी
Deleteबहुत सुन्दर अनुराधा जी !
ReplyDeleteउमंग और उल्लास से भरे, रिश्तों के मीठे अनुभवों के ये 5 दिन, अगले 360 दिनों में खुशियों का उजाला भरने के लिए काफ़ी हैं.
जी सही कहा आपने आदरणीय बहुत बहुत आभार
Deleteआपने अनुभवों का दीप जला दिया। बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक १२ नवंबर २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार श्वेता जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए
Deleteलो पल बांटें
ReplyDeleteखुशियों के हम
वक्त के साथ आगे बढ़ना
यही दुनिया की रीत है
नए अनुभवों को जीते रहना
यही जीवन से प्रीत है.... बहुत सुंदर
बहुत सुंदर सृजन , वर्ष भर प्रतीक्षा रहती है इस त्यौहार की ।
ReplyDeleteजी सही कहा आपने मीना जी बहुत बहुत आभार
Deleteआपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है. https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2018/11/95.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार राकेश कुमार जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए
Deleteसुन्दर रचना।
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteपाँच दिन की दीपावली ख़ुशियों और उम्मीद की रूस्टिंग के के आती है ... कई यादें छोड़ जाती हैं ...
ReplyDeleteजी सही कहा आपने आदरणीय बहुत बहुत आभार
Deleteवक्त के साथ आगे बढ़ना
ReplyDeleteयही दुनिया की रीत है
नए अनुभवों को जीते रहना
यही जीवन से प्रीत है!!!!!!!
बिलकुल सही प्रिय अनुराधा जी | पांच दिन का ये उत्सव जीवन को नयी उमंगों से भरकर विदा हो जाता है साथ में नए अनुभव देकर भी | खूब लिखा आपने !!!!! हार्दिक शुभकामनायें |
सहृदय आभार रेनू जी आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए
Deleteनये अनुभव पुरानी यादे...
ReplyDeleteकुछ नयी उम्मीदे लेकरजीवन में हर्षोल्लास भरें...
बहुत ही सुन्दर रचना...
वाह!!!
दिल से आभार सुधा जी
Deleteबहुत सुन्दर रचना सखी 👌
ReplyDeleteसहृदय आभार सखी
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