छूना न पाए सरहद कोई
मर-मिट जाते हैं वीर सपूत
सरहद की रखवाली करते
दुश्मन को करते चकनाचूर
वतन की खातिर ही जीते हैं
वतन की खातिर मिट जाते
देखें कोई आँख उठाकर
उसके लिए काल बन जाते
गर्व हमें हैं इन वीरों पर
अद्भुत इनकी मिशाल है
ढाल बने और खड़े हुए हैं
सरहद पर वीर जवान है
सरहद पर वीर जवान है
वतन की शान की खातिर
बहा देते लहु अपना
बहा देते लहु अपना
सरहद पर सदा लहराए
तिरंगा के बसाए सपना
तिरंगा के बसाए सपना
काश ना होती यह सरहदें
नफ़रतें बढ़ाती हैं यह सरहदें
बांटती है दिलों को सरहदें
इंसानों को बांटती है यह सरहदें
खींच कर लकीरें दिलों में
जातियों में बांटती सरहदें
कभी धर्म के नाम कभी जाति नाम
हमें आपस में लड़वाती सरहदें
***अनुराधा चौहान***
ReplyDeleteखींच कर लकीरें दिलों में
जातियों में बांटती सरहदें
कभी धर्म के नाम कभी जाति नाम
हमें आपस में लड़वाती सरहदें,....
बहुत ही सुंदर रचना।
सहृदय आभार दीपशिखा जी
Deleteदेश के वीर जांबाजों को शत शत नमन
ReplyDeleteलाजवाब रचना....।
सहृदय आभार सखी
Deleteखींच कर लकीरें दिलों में
ReplyDeleteजातियों में बांटती सरहदें
कभी धर्म के नाम कभी जाति नाम
हमें आपस में लड़वाती सरहदें
बिलकुल सही कहा ,काश ये सरहदे ना होती ,बहुत सुंदर रचना ,स्नेह सखी
सहृदय आभार सखी
Deleteवतन की खातिर कुर्बान होते
ReplyDeleteवतन की खातिर जीते ओर मरते
देखें सरहद को कोई आँख उठाकर
उसके लिए यह काल वन जाते....बहुत ख़ूब सखी
सादर
काश ना होती यह सरहदें
ReplyDeleteनफ़रतें बढ़ाती हैं यह सरहदें
बांटती है दिलों को सरहदें
इंसानों को बांटती है यह सरहदें
सच कहा आदरणीया
यथार्थ रचना।
हार्दिक आभार रवीन्द्र जी
Deleteदेखें सरहद को कोई आँख उठाकर
ReplyDeleteउसके लिए यह काल वन जाते.....बहुत ख़ूब
धन्यवाद आदरणीय
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ReplyDeleteकाश ना होती यह सरहदें
नफ़रतें बढ़ाती हैं यह सरहदें
बांटती है दिलों को सरहदें
इंसानों को बांटती है यह सरहदें।
सार्थक सृजन सखी।
देश के प्रति सार्थक चिंतन।
हार्दिक आभार सखी
Deleteहमारा आम -बान-शान वतन है।
ReplyDeleteहम सबका ईमान वतन है।
वाह बहुत सुंदर ।
बेहतरीन रचना।
हार्दिक आभार सखी
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