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Sunday, April 28, 2019

निष्ठा और समर्पण

निष्ठा और समर्पण 
प्रेम और विश्वास
रिश्तों को रखें बाँध कर
तब बनता है परिवार
स्त्री पुरुष के त्याग से
पुरुष की निष्ठा
परिवार का विकास
धूप हो या बरसात
सिरदर्द हो या बुखार
बस एक ही चाह है
कमी न खले किसी को
किसी भी अभाव की
लगा रहता पूरी निष्ठा से
आज्ञाकारी पुत्र बन 
माँ-बाप की सेवा
कठोर पिता की 
भूमिका बच्चों का हित
धेर्यवान पति बन 
पत्नी की आशाएं पूरी करता
पता है उसको 
फ़िर भी कमी लगती है
सबको उसके समर्पण में
पर वो पुरुष है ग़म दिखाता कम
पर लगा रहता कर्त्तव्य पथ पर
पूरी निष्ठा ईमानदारी से
स्त्री बाँध कर रख देती
ख्वाहिशों को अपनी
भूल जाती सपने सारे
कर्त्तव्यों का पालन करने में
निष्ठा से निभाती रिश्ते
बड़ों का सम्मान
पति के लिए समर्पित
ममतामई माँ का रूप
हर रूप को खुश होकर जीती
यही निष्ठा नारी की
उसको सबसे ऊपर रखती
***अनुराधा चौहान***

21 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 30 अप्रैल 2019 को साझा की गई है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. सहृदय आभार यशोदा जी

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  2. इसलिए ही नारी समर्पण और त्याग की पूरत कही जाती है ...
    भूल जाती है सब कुछ, खुद को भी इस पथ पर ... बहुत भावपूर्ण रचना ...

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  3. वाह!!सखी ,भावनाओं से भरी हुई रचना।

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  4. भावपूर्ण रचना।
    बहुत खूबसूरत

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    1. सहृदय आभार पम्मी जी

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  5. मन प्रसन्न हुआ रचना पढ़कर !

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  6. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 29/04/2019 की बुलेटिन, " अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस - 29 अप्रैल - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    1. बहुत बहुत आभार शिवम् जी

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  7. नारी जीवन की महिमा को बुलंद करती रचना प्रिय अनुराधा जी। प्रसाद ने इतने त्याग देखकर ही लिख दिया था " नारी तुम केवल श्रद्धा हो' सार्थक रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।

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    1. सहृदय आभार प्रिय रेणु जी 🌹🌹

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  8. सुंदर प्रस्तुति सखी ।

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  9. बहुत सुन्दर रचना सखी 👌

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  10. सचमुच परिवार बनाने में प्रेम और विश्वास के साथ निष्ठा और समर्पण भी जरूरी है....
    बहुत ही सुन्दर रचना।

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  11. बहुत पसंद आई आपकी रचना और रचना में प्रयुक्त उपमाएं भी।

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  12. भावपूर्ण रचना ,निष्ठा और समर्पण ही परिवार को खुशहाल बनता हैं ,बहुत खूब ,सादर स्नेह सखी

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