शोर शराबे से दूर
कुछ पल सुकून के ढूँढ
सुंदर वादियों का
सुकून भरा साथ
उमड़ते बादलों को
शीतल अहसास
स्वर्ग जैसा दृश्य
उतरा तब धरती पर
जब तन को छूकर
निकला बादलों का सैलाब
रिमझिम गिरती
बारिश की बूँदें
चेहरे पर खेलती
कुछ पल रुकती
फिर ढुलक जाती
धरती की गोद में जा छुपती
बूँदों की थिरकन
मन को हर्षाती
हवाओं के संग झूमकर
बारिश बरस जाती
***अनुराधा चौहान***
वाह!!सखी ,बहुत सुंदर !!
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Deleteबहुत ही सुन्दर रचना सखी 👌
ReplyDeleteसादर
सहृदय आभार सखी
Deleteबहुत सुंदर रचना, अनुराधा दी।
ReplyDeleteसस्नेह आभार ज्योती बहन
Deleteबहुत सुन्दर सृजन अनुराधा जी !!
ReplyDeleteसहृदय आभार मीना जी
Deleteबहुत सुंदर रचना , सखी
ReplyDeleteसहृदय आभार सखी
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
१जुलाई २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
हार्दिक आभार श्वेता जी
Deleteबारिश और प्रकृति का मनमोहक चित्रण।
ReplyDeleteप्यारी रचना।
आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत बहुत आभार प्रिय सखी
Delete