जन्म लेते ही शुरू होती
जीवन की कठिन यात्रा
चार लोगों से रिश्ते में बंधे
घर में संस्कारों को संमझते
सीख लेने ज़िंदगी की
पहली बार घर से निकल
गुरुकुल की और कदम बढ़ा
धीरे-धीरे जीवन को समझ
आगे बढ़ते जाते
हमारी इस जीवन यात्रा में
जुड़ते कई यादगार पल
कुछ नये रिश्ते बनते
कई दोस्त प्रिय बन जाते
कई अनुभवों से होकर
गुजरती जीवन यात्रा
कुछ बेहद कड़वे
कठिनाइयों से भरे
रास्तों से गुजरते हुए
साथ मिलता हमसफ़र का
खुशियों से झूमते
तो कभी लड़ते-झगड़ते
हर परिस्थिति में साथ निभाते
नयी ज़िंदगियों को संवारते
ज़िंदगी के अंतिम
मुकाम पर पहुँचकर
तजुर्बों की पोटली खोलकर
नयी पीढ़ी को सही राह दिखाते
जब प्रभू संदेश आता
तो सब-कुछ पीछे छोड़
अनंत यात्रा पर निकल जाते
फिर से एक नये सफर के लिए
***अनुराधा चौहान***
जब प्रभू संदेश आता
ReplyDeleteतो सब-कुछ पीछे छोड़
अनंत यात्रा पर निकल जाते
फिर से एक नये सफर के लिए
मानव जीवन पर सुंदर शब्द चित्र दी।
परंतु अंतिम समय तक हम यह नहीं समझते हैंं कि चिड़िया रैन बसेरा !
जी सही कहा आपने, हार्दिक आभार आदरणीय
Deleteबहुत ही कमाल आपने तो पूरी जीवन यात्रा को एक सूत्र में पिरो कर रख दिया मित्र
ReplyDeleteहार्दिक आभार अजय जी
Deleteवाह जन्म से शाश्र्वत मृत्यु तक हर पड़ाव की यात्रा का सुंदर चित्रण सखी ।
ReplyDeleteसुंदर सृजन।
हार्दिक आभार प्रिय सखी
Deleteइस कठिन यात्रा के पढाव में बहुत कुछ सीखना और फॉर वापस लौटा देना समाज को यही रीत है प्रकृति की ...
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Deleteइस कठिन यात्रा के पढाव का सुंदर चित्रण
ReplyDeleteअनुराधा जी वक़्त मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी आयें|
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
हार्दिक आभार संजय जी
Deleteवाह वाह।
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी 🌹
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