उल्टा चला समय का पहिया
जन-जीवन परेशान।
पल-पल मरता है इंसान।।
जीव-जंतु आजाद हो हुए हैं
कैदी मानव संसार
पल-पल मरता है इंसान।।
कैसी लगी है आज बीमारी
बिखर गई है दुनिया सारी।
छुप हुए सब आज घरों में
बनी ताड़का ये महामारी।
चीन भी रोया,फ्रांस भी रोया
अमेरिका भी है बदहाल।
पल-पल मरता है इंसान।।
जो कोरोना जन्म न लेता
तो उपवन बच्चों से हँसता।
होते लाख झगड़े-टंटे
फिर भी मानव सबसे मिलता।
चीन की काली करतूतों से
बन रहा जग शमशान।
पल-पल मरता है इंसान।।
देवदूत जो आज बने हैं
उन पे सब पथराव करे हैं।
मानवता घायल हो तड़पे
और दानव संहार करे है।
मिल जाए हमें कोई शक्ति
जो करे काम तमाम।
पल-पल मरता है इंसान।
***अनुराधा चौहान'सुधी'***
चित्र गूगल से साभार
शब्द शब्द सत्य कह दिया आपने। सच में ही आज यही स्थिति बनी हुई है
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteबिल्कुल सत्य एवं सटीक आदरणीय । बहुत खूब ।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीया दी 👌
ReplyDeleteधन्यवाद सखी
Deleteधन्यवाद आदरणीया
ReplyDeleteसत्य लिखा है ...
ReplyDeleteये भी समय का फेर है और सब बेबस हैं ... अपने खुद के डर से ...
कैसी लगी है आज बीमारी
ReplyDeleteबिखर गई है दुनिया सारी।
छुप हुए सब आज घरों में
बनी ताड़का ये महामारी।
आज समूची मानव प्रजाति त्रस्त है इस महामारी से..यथार्थ प्रकट करती उम्दा भावाभिव्यक्ति ।