राज कई जीवन से लेके
बुनती हूँ ताने-बाने।
आस पिरोती माला बुनती
सपने जाने पहचाने।
भाव उमड़ते कभी बिगड़ते
एक नया आकार लिए।
झूठी इस जीवन माला ने
रूप कई साकार किए।
मौन जगत की भाषा की क्या
बेचैनी कोई जाने।
राज कई.....
नहीं खनकती हैं अब चूड़ी
सुन बसंत की आवाजें।
सावन भी अब रौनक खोता
द्वेष भरे बजते बाजे।
खुशियों पर दिखावटी परतें
बात सभी अब ये माने।
राज कई.....
प्रेम प्यार की भाषा भूले
यह मेरा है वो तेरा।
प्रीत भरी माला भी बिखरी
छलिया सा ओढ़ चेहरा।
मुख पर मीठी वाणी बोले
पीछे से देते ताने।
राज कई.....
***अनुराधा चौहान'सुधी'***
चित्र गूगल से साभार
चित्र गूगल से साभार
शुभकामनाएं शिक्षक दिवस पर।
ReplyDeleteसुन्दर सृजन।
हार्दिक आभार आदरणीय आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं।
Deleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 06 सितंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीया।
Deleteउम्दा कविता
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय।
Deleteप्रेम प्यार की भाषा भूले
ReplyDeleteयह मेरा है वो तेरा।
प्रीत भरी माला भी बिखरी
छलिया सा ओढ़ चेहरा।
मुख पर मीठी वाणी बोले
पीछे से देते ताने।
वाह!!!
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण नवगीत।
हार्दिक आभार सखी!
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Deleteनमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार ( 7 सितंबर 2020) को 'ख़ुद आज़ाद होकर कर रहा सारे जहां में चहल-क़दमी' (चर्चा अंक 3817) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
--
-रवीन्द्र सिंह यादव
हार्दिक आभार आदरणीय।
Deleteबहुत ही सुंदर सृजन बहना।
ReplyDeleteसादर
हार्दिक आभार सखी!
Delete
ReplyDeleteभाव उमड़ते कभी बिगड़ते
एक नया आकार लिए।
झूठी इस जीवन माला ने
रूप कई साकार किए।
मौन जगत की भाषा की क्या
बेचैनी कोई जाने।
बहुत सुंदर रचना, भावों के मोतियों को पिरोकर रख दिया आपने !!!
बहुत बहुत सुंदर सृजन सखी!
ReplyDeleteसपने जाने पहचाने वाह!
हार्दिक आभार सखी
Deleteजीवन के ताने बाने बुनती रचना ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Deleteबेहद खूबसूरत और भावपूर्ण सृजन सखी !
ReplyDeleteसस्नेह आभार सखी 🌹
Delete