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Saturday, July 28, 2018

यह कैसा विकास है

सरकारें आती हैं
सरकारें जाती हैं
विकास के नाम पर
कुछ तोहफे जाती हैं
विकास तो हो रहा है
शहरों का सड़कों का
ट्रेनों का बसों का
विकास तो हो रहा है
ऊंची ऊंची इमारतों का
बड़े बड़े शापिंग मॉलों का
विकास तो हो रहा है
नई नई तकनीक का
नई नई सुविधाओं का
पर यह कैसा विकास है
गरीब अभी भी भूखा मर रहा
भुखमरी  वहीं की वहीं
पर यह कैसा विकास है
किसान का चूल्हा बुझा पड़
उसकी समस्या वहीं की वहीं
यह कैसा विकास है
नारी उत्पीड़न जारी है
निर्भया की पीड़ा वहीं की वहीं
विकास तो हो रहा है
समाज के एक हिस्से का
दूसरे हिस्से की पीड़ा वहीं की वहीं
यह कैसा विकास है
***अनुराधा चौहान***




5 comments:

  1. पर ये विकास भी कभी न कभी काम आएगा .... इसकी भी जरूरत है समाज को ...
    हाँ गरीबी से भी निजात पानी जरूरी है ... अच्छी रचना ....

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  2. बहुत सार्थक रचना । लाजवाब !!!

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  3. धन्यवाद आदरणीय 🙏

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