सरकारें आती हैं
सरकारें जाती हैं
विकास के नाम पर
कुछ तोहफे जाती हैं
विकास तो हो रहा है
शहरों का सड़कों का
ट्रेनों का बसों का
विकास तो हो रहा है
ऊंची ऊंची इमारतों का
बड़े बड़े शापिंग मॉलों का
विकास तो हो रहा है
नई नई तकनीक का
नई नई सुविधाओं का
पर यह कैसा विकास है
गरीब अभी भी भूखा मर रहा
भुखमरी वहीं की वहीं
पर यह कैसा विकास है
किसान का चूल्हा बुझा पड़
उसकी समस्या वहीं की वहीं
यह कैसा विकास है
नारी उत्पीड़न जारी है
निर्भया की पीड़ा वहीं की वहीं
विकास तो हो रहा है
समाज के एक हिस्से का
दूसरे हिस्से की पीड़ा वहीं की वहीं
यह कैसा विकास है
***अनुराधा चौहान***
सरकारें जाती हैं
विकास के नाम पर
कुछ तोहफे जाती हैं
विकास तो हो रहा है
शहरों का सड़कों का
ट्रेनों का बसों का
विकास तो हो रहा है
ऊंची ऊंची इमारतों का
बड़े बड़े शापिंग मॉलों का
विकास तो हो रहा है
नई नई तकनीक का
नई नई सुविधाओं का
पर यह कैसा विकास है
गरीब अभी भी भूखा मर रहा
भुखमरी वहीं की वहीं
पर यह कैसा विकास है
किसान का चूल्हा बुझा पड़
उसकी समस्या वहीं की वहीं
यह कैसा विकास है
नारी उत्पीड़न जारी है
निर्भया की पीड़ा वहीं की वहीं
विकास तो हो रहा है
समाज के एक हिस्से का
दूसरे हिस्से की पीड़ा वहीं की वहीं
यह कैसा विकास है
***अनुराधा चौहान***
पर ये विकास भी कभी न कभी काम आएगा .... इसकी भी जरूरत है समाज को ...
ReplyDeleteहाँ गरीबी से भी निजात पानी जरूरी है ... अच्छी रचना ....
धन्यवाद आदरणीय
Deleteबहुत सार्थक रचना । लाजवाब !!!
ReplyDeleteधन्यवाद नीतू जी
Deleteधन्यवाद आदरणीय 🙏
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