Saturday, January 19, 2019

यादों की परछाइयां

कुछ लम्हे दिल में बस जाते
तो मिटाएं नहीं मिटते
यादों में उनके चित्र
सदा ज़िंदा ही हैं रहते

बचपन से लेकर जवानी
कुछ यादें नई पुरानी
कुछ धुंधले होते चित्र
कुछ तस्वीरें हैं सुहानी

ज़िंदगी ने हम सभी को
कई रंग है दिखलाए
कुछ कीमती से चित्र हैं
जो दिल में हैं समाएं

कभी-कभी ज़िंदगी में
हालात बदल जाते हैं
समय के साथ लोगों के
ज़ज्बात बदल जाते हैं

बिखर जाते हैं रिश्ते
आ जाती हैं दूरियां
कभी-कभी हालात भी
बढ़ा देतीे हैं मजबूरियां

कितना भी करो दिखावा
रखो चाहें कितनी दूरियां
मिटा न सके दिल से कोई
यादों की परछाइयां

कुछ लम्हों के चित्र
कभी मिट नहीं सकते
दूर हो चाहे कितने भी
पर रिश्ते मिट नहीं सकते
***अनुराधा चौहान***

16 comments:

  1. सत्य कहा ....
    बहुत खूब आदरणीया।

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    1. बहुत बहुत आभार आदरणीय

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  2. कुछ लम्हे दिल में बस जाते
    तो मिटाएं नहीं मिटते
    यादों में उनके चित्र
    सदा ज़िंदा ही हैं रहते....बहुत सुन्दर
    सादर

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  3. बहुत बहुत आभार आदरणीय

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  4. कुछ लम्हों के चित्र,कभी मिट नहीं सकते
    दूर हो चाहे कितने भी,पर रिश्ते मिट नहीं सकते
    बहुत खूब .....यथार्थ रचना अनुराधा जी सादर स्नेह

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  5. लाजवाब
    बहुत खूब

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    1. बहुत बहुत आभार आदरणीय

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  6. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    ४ फरवरी २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    1. बहुत बहुत आभार श्वेता जी

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  7. कितना भी करो दिखावा
    रखो चाहें कितनी दूरियां
    मिटा न सके दिल से कोई
    यादों की परछाइयां

    बिल्कुल सही कहा आपने, प्रणाम।

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  8. सुन्दर सार्थक एवं सटीक प्रस्तुति...

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