Wednesday, February 20, 2019

उम्मीद का दामन थाम

जब धूमिल हुए
जिंदगी के रंग
कैसा फागुन
कैसा बसंत
मन अंधेरे में
डूबता जाता है

तब रुको नहीं
डरो नहीं
उम्मीद का दामन 
थाम कर उजाले 
की ओर कदम बढ़ा

जीवन में कोई भी
चाहत नहीं हो
मन परेशानी में
घिरा हुआ हो
अतीत की यादों
डूबता जा रहा हो

तब रुको नहीं
डरो नहीं
उम्मीद का दामन 
थाम कर उजाले 
की ओर कदम बढ़ा

जीवन में अँधेरा
छाने लगे
उदासी दामन
फैलाने लगे
मन में आशा के
दीप बुझे हो

तब रुको नहीं
थको नहीं
उम्मीद का दामन
थाम कर की उजाले
की ओर कदम बढ़ा

नकारात्मक सोच
से बाहर निकल
सकारात्मक सोच
को साथ लेकर
दुविधाएँ जीवन की
मिटाते हुए

तब रुको नहीं
थको नहीं
उम्मीद का दामन
थाम कर उजाले
की ओर क़दम बढ़ा

जीवन संकट
से घिरा रहे
चारों और
अँधियारा दिखे
सूझे न फिर को
उपाय

तब रुको नहीं
डरो नहीं
उम्मीद का दामन 
थाम कर उजाले 
की ओर कदम बढ़ा

परिस्थितियां
विपरीत हो चाहें
रास्ते में हों बाधाएं
मन को करार न आए
 दिल घबराने लगे

तब रुको नहीं
डरो नहीं
उम्मीद का दामन 
थाम कर उजाले 
की ओर कदम बढ़ा

मंज़िल पाने की
चाहत से मन
 हताश हो उठता
हार मान कर
रुकने लगता

तब रुको नहीं
डरो नहीं
उम्मीद का दामन 
थाम कर उजाले 
की ओर कदम बढ़ा


कुछ उजाला
सूरज से लेलो
शीतलता चाँद से
सारे प्रयास सफल
हो जाएंगे तब जब
जीवन में भरोगे उजास
***अनुराधा चौहान***

चित्र गूगल से साभार

22 comments:

  1. जीवन के सकारात्मक पहलू को उजागर करती सुन्दर रचना ।

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  2. बहुत खूब......
    बहुत ही सुंदर

    कुछ उजाला
    सूरज से लेलो
    शीतलता चाँद से
    सारे प्रयास सफल
    हो जाएंगे तब जब
    जीवन में भरोगे उजास

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  3. उम्मीद, आशा का दामन थामे सफ़र जारी रखना ही जीवन है ...
    सुन्दर रचना ....

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  4. क्या बात है बहुत सुन्दर रचना सखी
    सादर

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  5. बहुत ही अच्छी लगी सकारात्मक पहलू पर कविता ...कई बार पढी... अभी फ़िर से पढने जा रहा हूँ

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    1. बहुत बहुत आभार आदरणीय

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  6. कुछ उजाला
    सूरज से लेलो
    शीतलता चाँद से
    सारे प्रयास सफल
    हो जाएंगे तब जब
    जीवन में भरोगे उजास
    सत्य वचन......... बहुत खूब... सखी

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  7. टुटे हारों में नव उत्साह बन बहती सुंदर काव्य प्रस्तुति।

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  8. बहुत ही सुन्दर उम्मीदोंं से भरा करार...

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  9. उम्मीद पे दुनिया क़ायम है.

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय

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  10. एक उम्मीद ही होती है जो निराशा का दामन थाम उसे उजाले की और बड़ने को प्रयास करती है

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    1. हार्दिक आभार ऋतु जी

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  11. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    १० जून २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    1. हार्दिक आभार श्वेता जी

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  12. जीवन के सकारात्मक पहलू को उजागर करती

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