Wednesday, June 26, 2019

बारिश की बूँदें

 शोर शराबे से दूर
कुछ पल सुकून के ढूँढ
सुंदर वादियों का
सुकून भरा साथ
उमड़ते बादलों को
शीतल अहसास
स्वर्ग जैसा दृश्य
उतरा तब धरती पर
जब तन को छूकर
निकला बादलों का सैलाब 
रिमझिम गिरती
बारिश की बूँदें
चेहरे पर खेलती
कुछ पल रुकती 
फिर ढुलक जाती
धरती की गोद में जा छुपती
बूँदों की थिरकन
मन को हर्षाती
हवाओं के संग झूमकर
बारिश बरस जाती
***अनुराधा चौहान***


16 comments:

  1. वाह!!सखी ,बहुत सुंदर !!

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय

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  3. बहुत ही सुन्दर रचना सखी 👌
    सादर

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  4. बहुत सुंदर रचना, अनुराधा दी।

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    1. सस्नेह आभार ज्योती बहन

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  5. बहुत सुन्दर सृजन अनुराधा जी !!

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    1. सहृदय आभार मीना जी

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  6. बहुत सुंदर रचना , सखी

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  7. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    १जुलाई २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    1. हार्दिक आभार श्वेता जी

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  8. बारिश और प्रकृति का मनमोहक चित्रण।
    प्यारी रचना।

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    1. आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए आपका बहुत बहुत आभार प्रिय सखी

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