आजादी की आग बनी
बनी क्रांति की ज्वाला
कलम ने अपनी ताकत से
हर एक मन में भरा उजाला
खुशियों का पैगाम बनी
हर दिल का लिखती हाल
यह कलम की ताकत है
इतिहास रचता कलमकार
सजनी की पाती लिखे
लिखती माँ की ममता
पिता का आशीष लिखे
कलम दिल की जुबां बने
बसंत की बहार,होली के रंग
सावन के गीत,तीज की रौनक
साहित्य के सागर में डूबी
कलम नित नए आयाम रचे
शब्दों से संस्कार जगाकर
ज्ञान का प्रकाश फैलाती
ग्रंथों को गढ़कर कलम ने
संस्कृति को नई दिशा दी
तलवार-सी धार बनकर
शब्दों के बाण चलाती
कलम की ताकत कम न समझो
कलम बड़े-बड़े काम कर जाती
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
अनुराधा जी आपकी कलम वास्तव में जादुई है
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति शुभ कामनाएं
हार्दिक आभार ऋतु जी
Deleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 03 अगस्त 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteसहृदय आभार यशोदा जी
Deleteकलम के महत्त्व और ताकत का काव्यात्मक व्याख्यान।
ReplyDeleteसुंदर सृजन सखी।
हार्दिक आभार सखी
Deleteहार्दिक आभार सखी
ReplyDeleteवाह बेहतरीन।
ReplyDeleteधन्यवाद सुजाता जी
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ReplyDeleteशब्दों से संस्कार जगाकर
ज्ञान का प्रकाश फैलाती
ग्रंथों को गढ़कर कलम ने
संस्कृति को नई दिशा दी!!
कलम की महिमा गाती सुंदर भावपूर्ण रचना प्रिय अनुराधा जी | सस्नेह
हार्दिक आभार प्रिय रेणु जी
Deleteक़लम का प्रभाव तोप,तलवार और बंदूक से अधिक प्रभावी होताहै .
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीया
Deleteकलम के हर आयाम को बाखूबी लिखा है ...
ReplyDeleteबहुत खूब है आपकी रचना ...
ग्रंथों को गढ़कर कलम ने
ReplyDeleteसंस्कृति को नई दिशा दी!!
कलम की महिमा गाती सुंदर भावपूर्ण रचना
हार्दिक आभार संजय जी
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