Friday, August 23, 2019

कान्हा तेरे गले का हार

दम-दम दमक रहा
कान्हा तेरे गले का हार

गले में पहनें बैजयंती माला
मोहिनी सूरत गोकुल ग्वाला
माणिक दमके मोती दमके
दमक रहा स्वर्ण हार

दम-दम दमक रहा
कान्हा तेरे गले का हार

सिर पर शोभे मोर मुकुट
नीलवर्ण पीताम्बर धारी
छवि मनमोहक कृष्ण मुरारी
मुख चूमे घूँघर वाले बाल

दम-दम दमक रहा
कान्हा तेरे गले का हार

नन्हे हाथों में थामें मुरलिया
बजा रहे हैं बंशी बजैया
गोप गोपियाँ नाच रहे
सुध-बुध कहीं बिसराए

दम-दम दमक रहा
कान्हा तेरे गले का हार

बाजत पैजनियाँ छनक-छनक
चलत नटवर ठुमक-ठुमक
साँवली सूरज मोहिनी मूरत
बृजमंडल रीझा जाए

दम-दम दमक रहा
कान्हा तेरे गले का हार

नीलवर्ण की छवि अति प्यारी
राधा संग झूमे त्रिपुरारी
कमर करधनी भोली सूरत
पीताम्बर अंग लपटाए

दम-दम दमक रहा
कान्हा तेरे गले का हार
***अनुराधा चौहान***

7 comments:

  1. वाह मनोहर रचना मन मोहना पर
    जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

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    1. हार्दिक आभार प्रिय सखी आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं।

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  2. बहुत प्यारा है कान्हा जी के गले का हार प्रिय सखी | कान्हा जी के इस आलौकिक रूप पर कौन मोहित ना होगा ?
    मनभावन रचना कान्हा जी के नाम |श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें |

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    1. हार्दिक आभार प्रिय सखी आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं।

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  3. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (25-08-2019) को "मेक इन इंडिया " (चर्चा अंक- 3438) पर भी होगी।


    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

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  4. बहुत सुन्दर

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