31
अम्बर
अम्बर पे लाली खिली,आई उजली भोर।
सूरज की किरणें जगी,जीवन करता शोर।
जीवन करता शोर,कमल दल लगे महकने।
कलियाँ बनती फूल, गगनचर लगे चहकने।
कहती अनु यह देख,चल दिया आज दिसम्बर।
नववर्ष मंगलमय,चमकता सूरज अम्बर।
32
कोयल
कूके कोयल डाल पे,आया है मधुमास।
अमराई की गंध से,मन में जगती आस।
मन में जगती आस,नशा यौवन पे छाया।
झरते फूल पलाश,मगन फागुन बौराया।
कहती अनु सुन मीत,खुशियों के पल न चूके।
फागुन के सुन गीत,डाल पे कोयल कूके।
(33)
वीणा
बजते जीवन में सदा,मन वीणा के तार।
देती वर माँ शारदे,मिटता तम का भार।
मिटता तम का भार,हरे जीवन से संकट।
करती जग उद्धार,मिटा सब काँटे कंटक।
कहती अनु यह देख,सुरों से जीवन सजते।
कोमल खिलते फूल,तार वीणा के बजते।
(34)
नैतिक
भाई भाई में मची,मेरा तेरा लूट।
नैतिक बातें भूल के,देते गाली छूट।
देते गाली छूट,बने आपस में बैरी।
भूले मन की प्रीत,बसी मन खट्टी कैरी।
कहती अनु सुन बात,बड़ी है किस्मत पाई।
सबसे सच्चा साथ,सदा देता है भाई।
35
भारत
सारी दुनिया में बढ़ी,भारत की पहचान।
वीरों की यह भूमि है,हम सबका है मान।
हम सबका है मान,हमे प्राणों से प्यारा।
भारत देश महान,जगत में सबसे न्यारा।
कहती अनु सुन आज,समय की यह बलिहारी।
भारत की संतान,दुखी हैं बेटी सारी।
36
विजयी
माखन मटकी फोड़ के,छेड़े मुरली तान।
आँचल में माँ के छुपा,ले विजयी मुस्कान।
ले विजयी मुस्कान,नटखट है नंदलाला।
मैया माने झूठ,लाल है भोला भाला।
कहती अनु सुन मात, करें लीला मनभावन।
फोड़ी मटकी आज,बैठ के खाता माखन।
***अनुराधा चौहान***
बहुत लाजवाब हैं सभी कुंडलियाँ ...
ReplyDeleteबहुत बधाई ...
लाजवाब कुंडलियां
ReplyDeleteहार्दिक आभार ऋतु जी
Deleteबहुत बढ़िया कुंडलियां अनु जी 👏👏
ReplyDeleteहार्दिक बधाई सुधा जी
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