Wednesday, July 14, 2021

हाइकु-१


 १
जेठ मध्याह्न ~ 
बंजर भू पे खड़ी
वज्रकंटका
जुहू चौपाटी~
गोल गप्पे से आई
पुदीना गंध
कुहासा भोर~
अंगारों में सुलगा
शादी का जोड़ा
भादो की भोर~
बैल सींग पे पुष्प
माला घुँघरू।
प्रेम दिवस~
चोर की पोटली से
गुलाब गंध।
भादों मध्यान्ह~
बैल सींग पे गूँजा
घुँघरू हार।
संध्या लालिमा~
ओलावृष्टि में गूँजी
ढपली ध्वनि।
फाग पूर्णिमा~
पति की तस्वीर को
चढ़ाती हार।
फागुनी दोज~
भाई ने पकड़ाई
सफेद साड़ी।
१०
वैसाख भोर~
अमिया की सुगंध
सिलबट्टे से ।
११
कोरोना काल~
कूड़ा गाड़ी में भरी
भाजी टोकरी
१२
मेघ गर्जना~
खेत की मेढ़ पर
गिजाई झुंड।
१३
श्रावण भोर~
भाई की कलाई में
रेशम डोरी।
१४
अश्विनी भोर~
कागा की चोंच में
पनीर कोफ्ता।
१५
नदी में नाव~
मकड़जाल मध्य
जुगनू द्युति।
१६
नीड़ में चूजा~
दावानल में घिरा
कानन पथ।
©® अनुराधा चौहान'सुधी'
चित्र गूगल से साभार

13 comments:

  1. गहन हाइकू .... साल के कई महीनों को समेट लिया और बहुत सी घटनाओं को भी ।

    नीड़ में चूजा~
    दावानल में घिरा
    कानन पथ।

    इस हाइकू की गहराई नहीं मिली । थोड़ा स्पष्ट करें


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    1. हार्दिक आभार आदरणीया।

      इस हाइकु में जंगल और जंगल में जाने वाला रास्ता अग्नि की चपेट में आ जाने के कारण आग में घिरे पेड़ पर नीड़ में फंसे चूज़े को दिखाया गया है। सादर..

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  2. बहुत खूब ... अलग अलग अंदाज़ के, अनेक घटनाओं को लेकर लिखे सुन्दर हाइकू हैं सब ... बहुत बधाई ...

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय।

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  3. हार्दिक आभार सखी।

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  4. प्रेम दिवस~
    चोर की पोटली से
    गुलाब गंध।

    बहुत सुंदर हायकू अनुराधा जी 🙏

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    1. हार्दिक आभार आदरणीया।

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय।

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  6. सुगंध से सुवासित ।

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    1. हार्दिक आभार आदरणीया।

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  7. बहुत सुंदर हाइकु

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय।

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