जग में सदैव ऊँचा अभिमान है तिरंगा।
चलना सभी उठाकर अभियान है तिरंगा॥
हर ओर गीत गूँजे जयघोष दे सुनाई।
हर द्वेष को मिटाता वरदान है तिरंगा॥
हर रंग में बसी है अपनी अलग कहानी।
जग में अनेकता की पहचान है तिरंगा॥
जब वीर वार करके अरि शीश को झुकाए।
जय घोष गुनगुनाता जयगान है तिरंगा॥
सच है नहीं कहानी कहते बड़े पुराने।
उन वीर भारती का सम्मान है तिरंगा॥
बलिदान से महकती धरती सदा हमारी।
रखना सदा बचाकर यह मान है तिरंगा॥
©® अनुराधा चौहान'सुधी'
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 14 अगस्त 2022 को साझा की गयी है....
ReplyDeleteपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जी हार्दिक आभार आदरणीया।
Deleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (14-8-22} को राष्ट्र उमंगें वेगवान हुई"(चर्चा अंक 4521) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
हार्दिक आभार सखी।
Deleteबलिदान से महकती धरती सदा हमारी।
ReplyDeleteरखना सदा बचाकर यह मान है तिरंगा॥
–आन-बान-शान तिरंगा का सुन्दर चित्रण
हार्दिक आभार आदरणीया दी।
Deleteबहुत सुंदर पंक्तियाँ। जय हिन्द!
ReplyDeleteहार्दिक आभार नितिश जी।
Deleteअभिमान है तिरंगा । जय हिंद । सुंदर रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीया।
Deleteबलिदान से महकती धरती सदा हमारी।
ReplyDeleteरखना सदा बचाकर यह मान है तिरंगा॥
अनुराधा जी, बहुत सुंदर पंक्तियाँ! अच्छी रचना!--ब्रजेन्द्र नाथ
हार्दिक आभार आदरणीय।
Deleteबहुत सुंदर गीतिका सखी!
ReplyDeleteदेश की आन बान शान पर ।
सुंदर।
हार्दिक आभार सखी
Deleteबहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीया।
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