(चित्र गूगल से साभार ) |
अब न डरेंगे अब न रुकेंगे
इन जुल्म ओर अत्याचारों से
कब तक घर में छुपे रहेंगे
इन कलयुगी शैतानों से...
सब चुप सहती रही हमेशा
उसका यह परिणाम मिला
मसला रोंदा फिर फेंक दिया
इन कलयुगी शैतानों ने
नारी ने इन्हें जन्म दिया
नारी से ही संसार बसा
नारी को ही वस्तु समझा
इन कलयुगी शैतानों ने
इन्होने अपनी हवस की खातिर
रिश्तों को भी कलुषित किया
सारी मर्यादा ताक पर रख दीं
इन कलयुगी शैतानों ने
नारी के जीवन का प्रभु
यह कैसा अभिशाप लिखा
अब नन्ही परियां भी नहीं बचती
इन कलयुगी शैतानों से
नारी कमजोर नहीं है शक्ति है
अब दुनिया को दिखाना है
कब तक सहमी सहमी रहोगी
इन कलयुगी शैतानों से
***अनुराधा***
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteसादर आभार
Deleteसही कहा है ...
ReplyDeleteकल्यूगी शैतानों को सबक़ सिखाने के लिए नारी को आगे आना होगा ...
सादर आभार आपका
Deleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 01 जुलाई 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteजी बहुत बहुत आभार आदरणीय मेरी रचना को साझा करने के लिए
Deleteबहुत शानदार
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteअपनी अस्मिता और अस्तित्व के लिये खुदमही लड़ना होगा सटीक सीख और आह्वान करती रचना।
ReplyDeleteआज जब पग-पग पर नारी अस्मिता खतरे में है नारी की आत्मिक शक्ति को जगाना अति आवश्यक है।
ReplyDeleteबहुय अच्छी रचना..👌
सादर आभार
Deleteआह्वान करती रचना ..
ReplyDeleteसार्थक और सटीक
धन्यवाद पम्मी जी
Deleteअपने समय के झंझावातों से जूझतीए भावों को उकेरती और संकल्पों को साधती बहुत ही खूबसूरत रचना अनुराधा जी, बहुत ही सुंदर...
ReplyDeleteजी बहुत बहुत आभार अलकनंदा जी
DeleteAnuradha chauhan ji aaj nari per kitni kavita likhi ja rhi hai ek din sudhar jarur hoga us din khuli hva me savi maa bahan sans legi kitna sunder aapna bharat desh hoga . aap bahut bahut aabhar
ReplyDeleteतब सही मायने में उन्नत भारत होगा जहां नारी दु:खी वहां खुशी नहीं आभार आदरणीय
Delete"...अब नन्ही परियां भी नहीं बचती
ReplyDeleteइन कलयुगी शैतानों से"
नारी की वर्तमान व्यथा को बहुत सटीक तरिके बताया आपने।
समाज के लिए एक सार्थक रचना।
बहुत बहुत आभार आदरणीय
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