Wednesday, July 11, 2018

क्षत्राणियों की वीरगाथा


यह भारत की भाग्य विधाता
वीर क्षत्राणी रानियां थीं
गुणी साहसी धर्मनिष्ठ योद्धा
रण में काली कल्याणी बन
दुश्मन के छक्के छुड़ाती थी
था ममता से परिपूर्ण हृदय
सीने में स्वाभिमान की ज्वाला थी
पति विमुख न हो कर्त्तव्य से
शीश काट उसे भेंट किया
वीर क्षत्राणी रानी हांडी ने
गौरवशाली इतिहास रचा
सीता सी थी कोमलता इनमें
आंखों में पदमिनी सी ज्वाला
स्वाभिमान की रक्षा करने
मिलकर जौहर कर डाला
धधक-धधक कर जलता था तन
मुख पर चीख नहीं जयकारे थे
इनकी वीरता के आगे
दुश्मन के हौंसले हारे थे
आंखों से शोले बरसाती
तलवार चलाती बिजली सी
झांसी की वह रानी थी
खूब लड़ी मर्दानी बन
दुश्मन को ललकारती थी
दोनो हाथ तलवार चला उसने
दुश्मनों के सिर को काटा था
इतिहास गवाह है इनकी
गौरवशाली गाथा का
***अनुराधा चौहान***

16 comments:

  1. Ye hui na Baat. बेहद खूबसूरत कविता. जय राजपूताना

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  2. वीर रस से आप्लावित सुंदर रचना

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    1. धन्यवाद अभिलाषा जी

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  3. वाह!गौरवपूर्ण इतिहास हमारा..
    सुंदर रचना।

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  4. वाह अनुराधा जी वीरांगनाओं पर फड़कती रचना दिल मे ओज और गौरव भरती बहुत सुंदर वीर रस की रचना ।

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    1. सादर आभार कुसुम जी

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  5. बहुत ही ओजमयी रचना प्रिय अनुराधा जी | क्षत्रियों का इतिहास शौर्य की अनुपम गाथाओं से भरा पड़ा है | क्षत्रिय वीर हैं तो उनकी सह्गामिनियों ने भी समय समय पर अपना कर्तव्य तन और मन से निभाया है और अपने रक्त से तिलक माथे पर सजा अपने पति पुत्रों को तलवार से सुसज्जित कर रनभूमि की ओर निर्भय हो प्रस्थान की अद्भुत प्रेरणा दी है |रानी पद्मिनी ने जहाँ अपने आत्मसम्मान और अस्मिता की रक्षा के लिए सगर्व जौहर कर लिया था वही हाडा रानी ने स्वयम के मोह से मुक्त कर अपने सर्वोच्च बलिदान के बाद पति को युद्ध भूमि में जाने की प्रेरणा दी | इतनी सुयोग्य नारी शक्ति को बारम्बार प्रणाम | हमे गर्व है इन शक्तिरूपा क्षत्राणियों पर | वीररस रस युक्त सुंदर सृजन !!!!!!!

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    1. स्वागतम् अनुराधा जी ।पर शायद गलती से आप मेरा नाम भूल गई।

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    2. at 5:51 PM
      सादर आभार रेणु जी आपने मेरी रचना को पसंद कर मुझे उत्साहित किया है धन्यवाद 🙏 माफी चाहूंगी पोस्ट करते समय ध्यान नहीं दिया 🙏🙏🙏

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  6. अप्रतिम अप्रतिम अप्रतिम ...अनुराधा जी सर्व प्रथम मेरा सादर धन्यवाद कबूल कीजिये ....मेरा मन भावन वीर बहुटी वीरांगनाओं का रंग आपके काव्य सागर मैं उछाल मार रहा है ! वो अतुलनीय और लाजवाब है ! मेरे हृदय की गहराई तक छू गया ! मन गतिमान हो उठा !
    इन्हीं वीरांगनाओं के संदर्भ मैं में वीर बहुटी भारत की वीरांगनाओं के बारे मैं हर शनिवार को उनका इतिहास और गौरव गाथा लिखने का प्रयास करती हूँ ...
    आप भी पढियेगा ! नमन

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    1. धन्यवाद इंदिरा जी आपको रचना पसंद आई
      आप इसी तरह मुझे उत्साहित करते रहे आभार

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  8. बहुत अच्छा लिखा आप ने
    वीरांगनाओं को शत शत नमन

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