(चित्र गूगल से संगृहीत) |
देख के उनका रूप सलोना
धरती ने भी ली अंगड़ाई
धरती ने ली अंगड़ाई
मन मयूर डोल उठा है
करने धरा का आलिंगन
अब बदरा झूम उठा है
देख के इनकी छटा निराली
दामिनी चमक कर आई
और धरा को छूने से
खुद को रोक न पाई
पा उसका स्पर्श
धरती सकुची शरमाई
हरियाली की चूनर ओढ़े
फिर मंद मंद मुस्काई
***अनुराधा चौहान***
शानदार
ReplyDeleteधरती जब हरियाली चूनर पहनती है तो सब कुछ सुहाना हो जाता है
धन्यवाद लोकेश जी
Deleteसुंदर!
ReplyDeleteधन्यवाद विश्वमोहन जी
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteजी बहुत बहुत शुक्रिया
Deleteअवश्य पम्मी जी बहुत बहुत आभार आपका मेरी रचना को साझा करने के लिए
ReplyDeleteबहुत सुंदर मनभावन रचना पावस मे धरा सरस सरस जाय ।
ReplyDeleteसादर आभार कुसुम जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना अनुराधा जी।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद श्वेता जी
Deleteवि!!बहुत सुंदर ।
ReplyDeleteधन्यवाद शुभा जी
ReplyDeleteशब्द जैसे ढ़ल गये हों
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
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