Friday, September 21, 2018

मन के भाव

मन के भाव
जब शब्दों के
रूप में कागज
पर सजते हैं
तो कभी गीत
बन मन को
लुभाते हैं
तो कभी कविता
बन मन को
सुकून देते है
कभी प्रियतम
की पाती बन
सजनी तक
उसका संदेशा
बन आ जाते
और जब गजल
का रूप लेते
तो दिल की
गहराई में उतर जाते
यह हमारे मन के
भाव है जो हमें
जोड़े रखते हैं
***अनुराधा चौहान***


10 comments:

  1. अल्फ़ाज़ सब कुछ दर्शा सकते हैं लेकिन मोहब्बत सबसे बेहतर दर्शाते हैं। उम्दा।

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  2. सुंदर भावों से सजी रचना

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    1. जी बहुत बहुत आभार आपका

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  3. वाह 👌👌👌 लाजवाब 👏👏👏

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  4. मैन के भावों को बहुत ही खूबसूरती से व्यक्त किया हैं आपने,अनुराधा दी।

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    1. धन्यवाद आपका ज्योती जी

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  5. बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना

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