मन के भाव
मन के भाव
जब शब्दों के
रूप में कागज
पर सजते हैं
तो कभी गीत
बन मन को
लुभाते हैं
तो कभी कविता
बन मन को
सुकून देते है
कभी प्रियतम
की पाती बन
सजनी तक
उसका संदेशा
बन आ जाते
और जब गजल
का रूप लेते
तो दिल की
गहराई में उतर जाते
यह हमारे मन के
भाव है जो हमें
जोड़े रखते हैं
***अनुराधा चौहान***
अल्फ़ाज़ सब कुछ दर्शा सकते हैं लेकिन मोहब्बत सबसे बेहतर दर्शाते हैं। उम्दा।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteसुंदर भावों से सजी रचना
ReplyDeleteजी बहुत बहुत आभार आपका
Deleteवाह 👌👌👌 लाजवाब 👏👏👏
ReplyDeleteमैन के भावों को बहुत ही खूबसूरती से व्यक्त किया हैं आपने,अनुराधा दी।
ReplyDeleteधन्यवाद आपका ज्योती जी
Deleteबहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteधन्यवाद दी
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