Sunday, November 4, 2018

आओ दीप जलाएं

आओ दीप जलाएं
अज्ञानता का जीवन से
मिलकर अंधकार मिटाएं
एक दीप आस का
आपस में प्रेम विश्वास का
एक दीप मोती सा
हो जीवन में ज्योती का
एक दीप वरदान का
जगती के कल्याण का
एक दीप सीप सा
यश प्रकाशित हो दीप सा
एक दीप सोने सा
वक्त नहीं अब खोने का
एक दीप प्रीत का
जीवन मधुर संगीत सा
एक दीप चाँदी सा
हो सबकी खुशहाली का
एक दीप रोली सा
जीवन में रंग भरे रंगोली सा
***अनुराधा चौहान***

चित्र गूगल से साभार    

2 comments:

  1. सीप जलाएँ हर किसी की ख़ुशी का ...
    सुंदर रचना ...

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