Friday, December 28, 2018

साल बदलते रहते हैं

वक्त भागता रहता है
बिना रुके अपनी रफ्तार से
दिन आते हैं दिन जाते हैं
साल बदलते रहते है
तारीख बदलती रहती है
पर ज़िंदगी में नया क्या होता है
यह सफर तो ज़िंदगी का
जहां कुछ नए रिश्ते मिलते हैं
कुछ रिश्ते दूर हो जाते हैं
अपनी यादों की सौगात देकर
बदलती तो ज़िंदगी है
जहां हर दिन कुछ न कुछ
नए अनुभव देखने मिलते है
नया कुछ सीखने मिलता है
नया साल जब आता है
पुराना साल इतिहास बन जाता है
यह सफर तो चलता ही है
पर साथ यह सीख भी दे जाता है
वक्त नहीं रुकता किसी के लिए
***अनुराधा चौहान***

2 comments:

  1. वक्त नहीं रुकता किसी के लिए.......... सत्य है बहुत खूब... सखी

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