Friday, January 11, 2019

सरगम

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सात सुरों की सरगम 
जीवन में प्रीत भरे
जीवन संगीत बने
भावों के रंग भरे
रिश्तों की डोर से
सजते हैं सुर यहां
खुशियों के बोल से
सजते हैं गीत यहां
छोटी छोटी बातों में
बन जाते हैं तराने
अपनों का साथ हो
तो जीवन के रंग सुहाने
मत रूठों अपनों से
यह छोटी सी जिंदगानी
कल हो ना हो यह किसने जानी
हंसो गाओ मौज मनाओ
जीवन को संगीत बनाओ
जीवन तो आना जाना है
खुशियों के फूल खिलाना है
भूलकर कड़वी यादों कों
जीवन को सरगम बनाना है
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

8 comments:

  1. जीवंत रचना। बहुत-बहुत बधाई ।

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    1. बहुत बहुत आभार उर्मिला दी

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  3. बहुत ही उत्कृष्ट रचना

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  4. भूलकर कड़वी यादों कों
    जीवन को सरगम बनाना है
    लाजबाब ,स्नेह सखी

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