स्वागत करने नववर्ष का
सजग हो सभी उठी दिशाएं
कुछ खट्टी-मीठी यादे देकर
चला दिसम्बर दे सर्द हवाएं
नेतृत्व करने मानव मन का
दो हजार बीस सजग हो रहा
वक़्त उड़ा पँछी के जैसा
कोहरे की चादर में लिपटा
कदम बढ़ाता सूरज होले
जैसे धरती से कुछ बोले
कुछ लम्हे फाँसों से चुभते
मन के जाते घाव दुखाते
उम्मीद मन में नयी जगी
साल नयी हो खुशियों भरी
गुनगुनी धूप ठिठुरी रातें
दिसम्बर देके चला सौगातें
वर्ष एक जीवन से छीन
जाते-जाते कहता जाए
उम्र के पँछी के उड़ने से पहले
जीवन से सुंदर लम्हे चुन
नवीन वर्ष खड़ा फैलाएं बाहें
बीस वर्ष के युवा जैसा
आँखों में नए स्वप्न जगाए
झर न जाए जीवन के मोती
जगा आशा की दीप ज्योति
मन में कोई क्लेश नहीं हो
कपट भरा परिवेश नहीं हो
जीवन में हो सुख भरी बातें
मिटे कलह सुखद हो रातें
सुख भरी हो सबकी दुनिया
नववर्ष ले आए खुशियाँ
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
बहुत बढ़िया प्रस्तुति। नववर्ष की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहार्दिक आभार नितीश जी
Deleteबहुत सुन्दर सृजन अनुराधा जी ।
ReplyDeleteहार्दिक आभार मीना जी
Deleteजीवन में हो सुख भरी बातें
ReplyDeleteमिटे कलह सुखद हो रातें
सुख भरी हो सबकी दुनिया
नववर्ष ले आए खुशियाँ
बहुत सुंदर सखी ,यही कामना हैं नववर्ष मंगलमय हो।
जी सखी हार्दिक आभार 🌹
Deleteबहुत सुंदर सखी! शुभ्र भाव सभी फलीभूत हो कल्याण कारी भाव सृजन।
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी आपको भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं 💐
Delete2020 को धनात्मक रुख देती आपकी यह रचना अति सुन्दर है। नववर्ष की अग्रिम शुभकामनाएँ आदरणीया
ReplyDelete।
धन्यवाद आदरणीय आपको भी हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
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