Wednesday, January 16, 2019

मानवता का अविष्कार

आवश्यकता ने हमें 
हालातों से लड़ना सिखाया
सपने पूरे करने का
हौसला मन में आया
धीरे-धीरे होने लगे
अविष्कार साधन के
लोगों को जीना आया
मानव जीवन बना संघर्ष को
लोगों को अब समझ आया
नित नए होते अविष्कार
इंसान चाँद तक हो आया
अब दिन दूर नहीं जब
मंगल पर बन जाए आशियाना
हथियारों के होते अविष्कार
दुश्मन डर से थरथराया
आवश्यकता ने हमें
अविष्कार करना सिखाया
अविष्कार ही मानव जीवन में
सुख के लम्हे लेकर आया
पर मानवता प्रथम धर्म हो
हो यह अनोखा अविष्कार
सबसे सुंदर हो जाएगा
फिर सारा संसार
***अनुराधा चौहान***

8 comments:

  1. सुन्दर रचना सखी
    सादर

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  2. आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है ...
    अच्छी रचना ...

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  3. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    २१ जनवरी २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    1. बहुत बहुत आभार श्वेता जी

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  4. पहला धर्म मानवता ही होना चाहिए.
    बहुत खूब.
    मानवता होगी तो अविष्कारों का प्रयोग सही से हो पायेगा वरना खात्मा नजदीक है.

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    1. बहुत बहुत आभार आदरणीय

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  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

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