(चित्र गूगल से साभार) |
बेवफा हम नहीं मजबूर हैं
जिंदगी से तेरी बहुत दूर हैं
एक झोंका हवा का ऐसा चला
शाख से फूल हुआ पल में जुदा
फैसले किस्मत के हमें मंजूर हैं
बेवफा हम नहीं मजबूर हैं
कभी अरमान ए दिल मचलता है
जाम ए गम पीकर यह सिसकता है
कोरे कागज सी यह जिंदगी मेरी
दूर होकर तुमसे बेनूर है
याद गुजरे दिनों की यह जिंदगी
याद ही तेरी अब मेरी जिंदगी
होके बदनाम ही मशहूर हैं
बेवफा हम नहीं मजबूर हैं
कभी मजबूरी हमारी समझी होती
तो जिंदगी आज जिंदगी होती
तेरी यादों के मंजर दिल में दफन हैं
बेवफा हम नहीं मजबूर हैं
***अनुराधा चौहान***
वाह क्या बात
ReplyDeleteजी बहुत बहुत धन्यवाद आपका
Deleteबेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteवाह जी !! क्या बात है...
ReplyDeleteकोशिश कर रही हूँ गुनगुनाने की ... :)
धन्यवाद आदरणीय
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