मैंने तुम्हारा बहुत इंतज़ार किया
अकेले प्यार भरे लम्हों को जिया
तुम्हारे अहसासों को न समझ सकी
इसलिए बढ़ती गई दिल में दूरी
इस खत को मेरी ख्वाहिश समझ लेना
हो सके तो मुझे क्षमा कर देना
मानती हूँ मैं हर बार ग़लत थी
तुम्हारे अहसास को झुठलाती रही
मैं चोट देती रही तुम सहते रहे
फिर भी फ़िक्र करते और हँसते रहे
आज़ भी मिलने आओगे पता है मुझे
मेरी कही बातों को न ठुकराओगे पता है मुझे
आज़ जब तुम वापस आओगे
बहुत कुछ बदल जाएगा हमारे दरम्यान
मैंने छोड़ दिए थे अपने सारे अहं पीछे
पुराने अहसासों को फिर से लगी थी जीने
तुमसे बिछड़ने की सजा जो मिल रही थी
टूटकर गिरे सपनों की किर्चें चुभने लगी थी
देखो मैंने घर वैसा ही सजा रखा है
जैसा तुम हमेशा से चाहते थे
यह देखो पलंग पर वही चादर है
हमारे प्यार के अहसासों से भरी हुई
हर बार तुम्हारे होने का अहसास देती
देखो खाली पलंग देख रो मत देना
मेरे होने का अहसास बना रहने देना
बालकनी में रजनीगंधा आज़ भी लगा है
वैसा ही है जैसा तुम लगाकर गए थे
हरा-भरा है मैंने आँसुओं से सींचा है
इस साल कलियाँ खिलने वाली हैं उसमें
सुनो इन बहते आँसुओं को पोंछ लो
आज़ सारे गिले-शिकवे भुला देना
बहुत दिनों से मायूसी छाई है घर में
खिड़कियाँ खोलकर जरा मुस्कुरा देना
हो सके तो पहले जैसा अहसास जगा लेना
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
ओ हृदय स्पर्शी एहसासों से सजी सुंदर रचना।
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी
Deleteबहुत ही सुन्दर हृदय स्पर्शी रचना प्रिय दी जी
ReplyDeleteसादर
वाह बेहतरीन।बहुत अंहसास जगाती सरस और मनभावन रचना
ReplyDeleteहार्दिक आभार सुजाता जी
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (20 -07-2019) को "गोरी का शृंगार" (चर्चा अंक- 3402) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२२ जुलाई २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
हार्दिक आभार श्वेता जी
Deleteबहुत सुन्दर एहसासों से सजी हृदयस्पर्शी रचना...
ReplyDeleteसहृदय आभार सखी
Deleteबहुत ही सुंदर रचना । बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
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