Friday, October 26, 2018

करवाचौथ

माथे पर कुमकुम सजे
करें सोलह श्रृंगार
सुहागिनें मनाएं मिलकर
करवाचौथ का त्यौहार

मेहंदी लगे हाथों में
रंग-बिरंगी चूड़ियां
आलता लगे पैरों में
छनकती हैं पायलिया

हो सुहाग अमर 
सब गाएं मंगलगीत
व्रत यह निर्जला
है चंद्र दर्शन की प्रीत

बादलों संग अठखेलियां
कर खूब सताता चांद भी
धरती पर चांद से मुखड़े
देख इठलाता बहुत वो 


देखो वो देखो चाँद नजर आया
सब सखियों का मन हर्षाया
अर्घ्य दें चंद्रमा को करें व्रत पूर्ण
खुशियों से भरा हो जीवन सम्पूर्ण
***अनुराधा चौहान***

16 comments:

  1. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, अनुराधा दी।

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 28 अक्टूबर 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. बहुत बहुत आभार यशोदा जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए

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  3. वाह ...
    सुंदर गीत करवा चौथ के उपलक्ष्य में ...
    बधाई ...

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    1. बहुत बहुत आभार आदरणीय

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  4. वाह्हह.. बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना अनुराधा जी।
    करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं।

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    1. बहुत बहुत आभार श्वेता जी

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  5. बहुत सुंदर भाव पूर्ण गीत।,सखी ।हार्दिक शुभकामनाएं।

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  6. शुभकामनाएं करवा चौथ की। सुन्दर अभिव्यक्ति।

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    1. बहुत बहुत आभार आदरणीय

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  7. सुन्दर रचना

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  8. Replies
    1. बहुत बहुत आभार रितू जी

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