Wednesday, May 15, 2019

मुखौटा धारी मानव

कुंडली मारकर बैठे हैं यह
इंसानियत के दामन पर
तिल-तिल मरती मानवता
मुखौटा धारी मानव से

कौन अपना और कौन प्यारा
कैसे यह पहचान करे
एक चेहरे पर कई-कई चेहरे
कैसे कोई पहचान करे

वही सुखी इस दुनिया में
जो पहने झूठ का मुखौटा
सच्ची सूरत वाले को तो
पग-पग पर मिलता है धोखा

मानवता का पहन मुखौटा
हैवानियत के काम करें
इंसानों के बीच इन इंसानों की 
इंसानियत भला क्या पहचान करे

गिरगिट जैसी सीरत इनकी
नीयत के पीछे खोट छुपी
असली सूरत जाने न कोई
भोले सूरत में बुराई छुपी

सच्चाई जो समझ सके
ऐसी नज़र कहाँ से आए
चेहरे के पीछे चेहरों का
जो राज उजागर कर जाए
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

12 comments:

  1. वाह बहुत ही लाजवाब आज की सच्चाई पर प्रहार करती सटीक रचना

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  2. बहुत ही सुंदर..... सखी

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  3. सच्ची सूरत वाले को तो
    पग-पग पर मिलता है धोखा

    बिलकुल सटीक 👌👌

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    1. सहृदय आभार सुधा जी

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  4. बहुत सुन्दर सटीक रचना

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  5. वाह अनुपम सृजन

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    1. हार्दिक आभार आदरणीया

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  6. गिरगिट जैसी सीरत इनकी
    नीयत के पीछे खोट छुपी
    असली सूरत जाने न कोई
    भोले सूरत में बुराई छुपी
    बहुत खूब सखी | सच कहा आपने इन मुखौटा धारियों की पहचान कैसे हो | पल भर में शहद में डुबोकर फिर नीम से कडवे हो जाते हैं | काश ईश्वर करे किसी से इनका पाला न पड़े | खरी खरी रचना सखी | हार्दिक स्नेह के साथ --

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    1. आपका हार्दिक आभार सखी

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