Sunday, November 10, 2019

कदमों की आहट

तेरे आने की आहट से
हवाओं में सरगम गूँज उठी
बालों की लट झूमी लहराई
हौले से गालों को चूम गई

पवन झकोरे झूम-झूम के
संदेशे तेरे सुनाने लगी
मैं पगली भी झूम-झूम के
चूनर हवा में लहराने लगी

शीतल मंद बयार बहकर
तन को मेरे सहलाने लगी
झूम रही पेड़ों की डाली
पुरवा राग सुनाने लगी

धड़क-धड़के करे दिल मेरा
कानों के झुमके झूम उठे
खनक-खनकें हाथों से कंगना
मन के भावों को बोल गए

छमक-छमक के छमक उठी
पैजनियाँ मेरे पांव की
माथे की बिंदिया दमक उठी
तेरे कदमों की ज्यों आहट सुनी।
***अनुराधा चौहान*** 
चित्र गूगल से साभार

12 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्यारा भरा तराना

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  2. वाह बहुत सुंदर रचना अनुराधा जी।

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  3. उनके क़दमों की आहट का कमाल के प्रेम का जादू ...
    लाजवाब रचना ...

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  4. वाह.. प्रेमी की आहट मात्र से ही मन कितना प्रफुल्लित है।
    बहोत प्यारी रचना।

    कुछ पंक्तियां आपकी नज़र 👉👉 ख़ाका 

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  5. सुन्दर प्यारी रचना अनुराधा

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  6. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)
    बहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें

    वक़्त मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी आयें|
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    1. हार्दिक आभार संजय जी

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