आते-जाते दिन जीवन के,
संदेशे दे जाते हैं।
कल के ऊपर तुम मत बैठो,
सीख यही दे जाते हैं।
रुकता नहीं समय का पहिया,
संग संग चलना इसके।
बैठ गए किसी के रोके,
फिर पीछे रह जाना है।
मूक जानवर भी यह जाने,
साँझ ढले घर आना है।
ग्वाल बाल भी गायों को ले,
लौट घरों को आते हैं।
आते-जाते दिन जीवन के,
संदेशे दे जाते हैं।
कल के ऊपर तुम मत बैठो,
सीख यही दे जाते हैं।
खुद पर हो सदा विश्वास,
जीवन में आराम कहाँ।
भाग्य से मिलता यह जीवन,
इंसा खुद लाचार बना।
कट जाता हैं धीरे-धीरे,
कठिन भरा यह जीवन भी।
दुख-सुख धूप छाँव के जैसै,
हर पल आते-जाते हैं।
आते-जाते दिन जीवन के,
संदेशे दे जाते हैं।
कल के ऊपर तुम मत बैठो,
सीख यही दे जाते हैं।
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteकाल करे सो आज कर !
बहुत शानदार रचना अनु जी।🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteधन्यवाद सुधा जी
Deleteधन्यवाद आदरणीय
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन सखी ।
ReplyDeleteधन्यवाद सखी 🌹
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