तेरी यादों की हवा मुझे छूकर गुजरती है
मेरे जख्मों को कुरेद आँखें नम कर देती है
डूबती हूँ मैं अपने अतीत की गहराई में
तुझसे मिलने की चाहत बेचैन करती है
मेरे दर्द की इंतहा उफ़ ये तेरा इंतज़ार
बेकरार कर देती है आहट हर प्रहर
हवाओं के झोंके यादों को झिंझोड़ते
आँखों में उतरने लगती दर्द की लहर
यह सर्दियों की धूप भी मन को खलती
मौसम का आना यादों से आँख-मिचोली
उम्र की दहलीज से पल-पल उतरती
उम्र की दहलीज से पल-पल उतरती
वेदना में भींगा हुआ कोई गीत गुनती
सुन कोयल की बोली अमराई रोई
कहीं टूटा तारा कहीं सिसका कोई
हवाओं संग आ गिरी यादों की गठरी
हवाओं संग आ गिरी यादों की गठरी
मेरी वेदना के दर्द से वो मुरझा कर रोई
खिले धूप जीवन में वज़ह नहीं मिलती
सांँसों की सरगम में ना कोई धुन बजती
काश खुशी के कोई गीत गुनगुनाऊँ
काश खुशी के कोई गीत गुनगुनाऊँ
ऐसी मुझको कोई वज़ह ना मिलती
वेदना में अकसर आँखें जब भीगती
दर्द दिल का देख दामिनी भी तड़कती
तुझसे मिलने की चाह है अभी जी रही हूँ
असर बेरुखी का सह विरहन तड़पती।
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
मन की वीणा के स्वर शब्दों से निकल रहे हैं
ReplyDeleteसुन्दर लम्हों को बाँध के लिखी रचना है ...
धन्यवाद संजय जी
Deleteवाह
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव
बेहतरीन सृजन
धन्यवाद रवीन्द्र जी
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२९ अप्रैल २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
तुझसे मिलने की चाह है अभी जी रही हूँ
ReplyDeleteतू आकर तो देख असर अपनी बेरुखी का...
मन को भिगोती, वेदना को मुखर करती सुंदर अभिव्यक्ति।
सहृदय आभार मीना जी
Deleteखिले धूप जीवन में कोई वज़ह नहीं है
ReplyDeleteसांँसों की सरगम में कोई सुर ना सजता
होंठों से निकले खुशियाँ गीत बनकर
ऐसी मुझको मिलती कोई वज़ह ना।
वाह अनंत गहराई से उठते स्वर वेदना के।
बहुत सुंदर रचना सखी।
खिले धूप जीवन में कोई वज़ह नहीं है
ReplyDeleteसांँसों की सरगम में कोई सुर ना सजता
होंठों से निकले खुशियाँ गीत बनकर
ऐसी मुझको मिलती कोई वज़ह ना...
👌👌👌👌
सहृदय आभार आदरणीय
Deleteवाह!!सखी ,बहुत खूब!
ReplyDeleteतुझसे मिलने की चाह है अभी जी रही हूँ
ReplyDeleteअसर बेरुखी का सह विरहन तड़पती।
वाह !! बहुत सुंदर ,ह्रदयस्पर्शी सृजन सखी
सस्नेह आभार सखी
Deleteपुनः पढ़ी आपकी रचना। बेहतरीन अभिव्यक्ति सखी।
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी 🌹
Delete