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Tuesday, June 12, 2018

निशब्द हूँ मैं


निशब्द हूँ मैं 
शब्द नहीं है मेरे पास
देश में फैले भ्रष्टाचार से
धोखा फरेब के जाल से
  गरीबों के उत्पीड़न से
  किसानों की बदहाली से
निशब्द हूँ मैं 
शब्द नहीं है मेरे पास
   बेरोजगारी से त्रस्त लोग
 कुपोषण से मरते 
बच्चों को देख
 चंद रुपयों में बिकते लोग
  इंसान को डसते 
इंसानों को देख 
निशब्द हूँ मैं 
शब्द नहीं है मेरे पास
   समाज में फैली
 अराजकता से
     झूठ और बेईमानी से
   नित बढ़ती मंहगाई से
    गरीबों की लाचारी से
निशब्द हूँ मैं 
शब्द नहीं है मेरे पास
   नारी के उत्पीड़न से
  उनकी मर्यादा के हनन से
  उन मासूम सिसकियों से
  पुरुषों की हैवानियत से
निशब्द हूँ मैं 
शब्द नहीं है मेरे पास
       ***अनुराधा चौहान*** 
 चित्र गूगल से साभार 

14 comments:

  1. Kya Baat Hai. बहुत खूब

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  2. बहुत बढ़िया

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  3. बहुत बढ़िया

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  4. धन्यवाद आप सभी का

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  5. धन्यवाद लोकेश जी

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  6. बहुत सुंदर प्रस्तूति,अनुराधा।

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  7. सादर आभार ज्योती जी

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  8. सादर आभार आपका मेरी रचना को साझा करने के लिए

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  9. वाह बहुत सुन्दर।

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    1. सादर आभार कुसुम जी

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  10. Replies
    1. धन्यवाद आदरणीय जीवन जी

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