देश की शान
राजपूत महान
जग में नाम
युद्ध मैदान
तलवार से गूँजा
दामिनी स्वर
विजयी ध्वाज
युद्ध के मैदान में
शत्रु परास्त
धरती पुत्र
शूरवीर महान
कर्म प्रधान
की अनदेखी
आरक्षण का तीर
सीने के पार
देश की शान
इतिहास गवाह
आज बेगाने
पीठ पे वार
अपनों के ही हाथ
ठगे से खड़े
***अनुराधा चौहान*** मेरा प्रथम प्रयास हाइकु
की अनदेखी
ReplyDeleteआरक्षण का तीर
सीने के पार
देश की शान
इतिहास गवाह
हुए बेगाने
बहुत सही सामयिक चिंतन बिंदु
धन्यवाद कविता जी
DeleteBahut h dil ko chune wali kavita
ReplyDeleteधन्यवाद सारांश
Deleteहाइकू पसंद आये बधाई 🌹🌹
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteओज सोज से भरी हायकु
ReplyDeleteबहुत बढिया।
धन्यवाद पम्मी जी
Deleteसुंदर रचन अनुराधा जी। राजपूत वीरों के पराक्रम की गाथाएँ इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखी गई हैं।
ReplyDeleteधन्यवाद मीना जी
Deleteवाह वाह सखी बहुत ही मनलुभाते हाइकु, जिनमे शोर्य है जोश है और कहीं गहरी पीड़ा भी, भाव स्पष्ट करते सुंदर हाइकु।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार सखी
Deleteसुंदर हाइकु।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद नीतू जी
Deleteधरती पुत्र
ReplyDeleteशूरवीर महान
कर्म प्रधान....सभी हायकू , बहुत सुंदर
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 02 सितम्बर 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद यशोदा जी मेरी रचना को साझा कर मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए 🙏
Deleteराजपूत वीरों के पराक्रम की गाथाएँ सुंदर हाइकु।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आदरणीय
Deleteवाह्ह..वाह्हह... जबरदस्त हायकु...सभी बंध बहुत ही सुंदर हैं अनुराधा जी👌👌👌
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका श्वेता जी
Deleteबहुत सुन्दर हाइकु ।
ReplyDeleteधन्यवाद मीना जी
Deleteबहुत बढिया शौर्य गान राजपूत वीरों का | पर काफी हद तक वे खुद जिम्मेवार हैं अपनी दुर्दशा के |समय के साथ चलना उन्हें कभी नहीं आया | सस्नेह सखी |
ReplyDeleteजी सही कहा आपने। बहुत बहुत आभार रेनू जी
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