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Monday, October 22, 2018

लाई हूं कविता लिख कर

प्रीत के सुनहरे धागों में

पिरोए भावों के सुंदर मोती

एहसासों के रंग से रंग कर

माला गुंथी मैंने अलबेली

मन के भाव इसके मोती

वाणी हैे इसकी ज्योती

शब्दों का यह सुंदर संसार

साहित्य का आनंद अपार

सुंदर भावों से सजा रहे

यह सफर यूं ही चलता रहे

मन से भावों का झरना बह

नित नया गीत बनता रहे

फैले सुगंध इसकी चहुंओर

प्रीत का गीत बने यह डोर

मन के सुंदर भाव भर कर

लाई यह कविता लिख कर
***अनुराधा चौहान***

13 comments:

  1. जी बहुत बहुत धन्यवाद पम्मी जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए

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  2. सच्च में बहुत ही सुन्दर कविता लिखकर लाई हैं आप।

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  3. बहुत ही सुन्दर

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    1. धन्यवाद नीतू जी आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए

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  4. सुंदर भावों के मोती सखी।
    अप्रतिम।

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  5. सुन्दर भावों से सजी लाजवाब प्रस्तुति...

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  6. बहुत, बहुत सुंदर रचना है। पढ़ने में एक रस है।

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