तेरे आने की आहट से
हवाओं में सरगम गूँज उठी
बालों की लट झूमी लहराई
हौले से गालों को चूम गई
पवन झकोरे झूम-झूम के
संदेशे तेरे सुनाने लगी
मैं पगली भी झूम-झूम के
चूनर हवा में लहराने लगी
शीतल मंद बयार बहकर
तन को मेरे सहलाने लगी
झूम रही पेड़ों की डाली
पुरवा राग सुनाने लगी
धड़क-धड़के करे दिल मेरा
कानों के झुमके झूम उठे
खनक-खनकें हाथों से कंगना
मन के भावों को बोल गए
छमक-छमक के छमक उठी
पैजनियाँ मेरे पांव की
माथे की बिंदिया दमक उठी
तेरे कदमों की ज्यों आहट सुनी।
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
बहुत सुन्दर प्यारा भरा तराना
ReplyDeleteधन्यवाद कविता जी
Deleteसुन्दर!!!
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर रचना अनुराधा जी।
ReplyDeleteधन्यवाद श्वेता जी
Deleteउनके क़दमों की आहट का कमाल के प्रेम का जादू ...
ReplyDeleteलाजवाब रचना ...
धन्यवाद आदरणीय
Deleteवाह.. प्रेमी की आहट मात्र से ही मन कितना प्रफुल्लित है।
ReplyDeleteबहोत प्यारी रचना।
कुछ पंक्तियां आपकी नज़र 👉👉 ख़ाका
सुन्दर प्यारी रचना अनुराधा
ReplyDeleteहार्दिक आभार दी
Deleteबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें
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हार्दिक आभार संजय जी
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