माँ में सब संसार
माँ की ममता को पहचानो
माँ ही है भगवान
न इसका तिरस्कार करो तुम
यह प्रकृति का वरदान
कष्ट सह कर के जीवन देती
प्रथम गुरु कहलाती माँ
माँ के आगे प्रभू भी शीश झुकाते
क्योंकि प्रभू से भी ऊंची है माँ
माँ के त्याग को कभी न भूलें
हर तकलीफों से लड़ जाती माँ
हो हम उससे नाराज़ भले ही
हो हम उससे नाराज़ भले ही
सब भुला गले लगा लेती है माँ
सृष्टि का अनमोल नगीना
होती है हम सबकी माँ
इतनी प्यारी होती है माँ
सृष्टि का अनमोल नगीना
होती है हम सबकी माँ
इतनी प्यारी होती है माँ
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
चित्र गूगल से साभार
Very nice
ReplyDeleteधन्यवाद दी
Deleteअनुराधा दी माँ की ममता और महानता का बहुत ही सुंदर चित्रण किया हैं आपने।
ReplyDeleteधन्यवाद ज्योती जी
Deleteमाँ का मनोरम रूप हमेशा दिल
ReplyDeleteमें रहता है ... उसकी कृपा बनी रहती है ...
जी आभार आदरणीय
Delete