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Tuesday, July 10, 2018

इतनी सी चाहत


(चित्र गूगल से साभार)

छू लूं आकाश
बस इतनी सी चाहत है
उलझ गई जिंदगी
कई सारे रिश्तों में
कुछ पल खुद के लिए जिऊं
बस इतनी सी चाहत है
उम्र पार कर गई
जिंदगी के पड़ाव कई
कुछ अधूरे ख्वाब पूरा करूं
बस इतनी सी चाहत है
कर लूं कुछ खास
जब तक जिंदगी की शाम ढले
हो मेरी भी पहचान
बस इतनी सी चाहत है
***अनुराधा चौहान***

छू लूं आकाश
बस इतनी सी चाहत है
उलझ गई जिंदगी
कई सारे रिश्तों में
कुछ पल खुद के लिए जिऊं
बस इतनी सी चाहत है
उम्र पार कर गई
जिंदगी के पड़ाव कई
कुछ अधूरे ख्वाब पूरा करूं
बस इतनी सी चाहत है
कर लूं कुछ खास
जब तक जिंदगी की शाम ढले
हो मेरी भी पहचान
बस इतनी सी चाहत है
***अनुराधा चौहान*

4 comments:

  1. बहुत सुन्दर चाहत है आपकी, अति सुन्दर ।

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  2. बहुत सुंदर अनुराधा जी की अभिलाष ।
    सुंदर रचना।

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