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Wednesday, July 18, 2018

जिंदगी के रास्ते


जिंदगी एक सफर है
टेढ़े-मेढ़े है जिंदगी के रास्ते
कुछ कांटों भरे कुछ पथरीले
कुछ मंजिल पर पहुँचाते है
कुछ बीच में राह भुलाते है
फिर भी भागती जाती है जिंदगी
अपनी मंजिल की ओर
इन पथरीले रास्तों पर
चलते रहने का संदेश दे
इन रास्तों पर रुक गए
तो ओझल हो जाएगी मंजिल
मुश्किल हो जाएगा सफर
चलते चलते सफर भी कटेगा
चलते चलते रास्ते भी मिलेंगे
मंजिल भी मिलेगी
बस मन में दृढ़संकल्प का
दीप जलाकर रखना होगा
***अनुराधा चौहान***

5 comments:

  1. मंजिल भी मिलेगी
    बस मन में दृढ़संकल्प का
    दीप जलाकर रखना होगा....
    बहुत ही हुंदर लिखा है आपने....

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  2. बहुत शानदार रचना 👌👌👌

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  3. बहुत खूबसूरत रचना

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