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Saturday, February 16, 2019

अब और नहीं

मानवता की एक ही पुकार
अब और नहीं अब और नहीं
वीरों की शहादत और नहीं
कब तक सहेंगे पीठ पर वार
अब आमने-सामने हो वार
पुलवामा के हादसा देख
दहल गया पूरा हिंदुस्तान
वीरों की शहादत को देख
मानवता चित्कार कर उठी
अब और नहीं अब और नहीं
वीरों की शहादत और नहीं
पाकिस्तान को सबक सिखाना है
अब कड़े कदम उठाना है
मसूद अजहर के सिर पर
रखा है जिस-जिस ने हाथ
मिल के करो उसका बहिष्कार
उठो जागो हुंकार भरो
पाकिस्तान को जवाब दो
अब और नहीं अब और नहीं
आतंकवाद अब और नहीं
***अनुराधा चौहान***

चित्र गूगल से साभार

10 comments:

  1. मिल के करो उसका बहिष्कार
    उठो जागो हुंकार भरो
    पाकिस्तान को जवाब दो
    अब और नहीं अब और नहीं
    आतंकवाद अब और नहीं
    सही कहा आपने ,बस जरूरत है अब खुद को एक जुट कर आवाज उठाने की ,बहुत हो चूका।

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  2. हर किसी के मन की पुकार है ये रचना ...
    और नहीं बस और नहीं ... अब बलिदान व्यर्थ न हों सैनिकों के ...

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    Replies
    1. जी सही कहा आपने आभार आदरणीय

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  3. मानवता की एक ही पुकार
    अब और नहीं अब और नहीं
    वीरों की शहादत और नहीं
    सादर

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  4. अब ऐसी शहादत और नही।
    बहुत मर्मस्पर्शी।

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