हमारी शान है हिन्दी हमारा मान है हिन्दी।
बनी सदियों यही मुखिया सदा सम्मान है हिन्दी॥
सहज ही हिन्द की बोली सदा सबको लुभाती है।
यही आधार है संगीत जीवनदान है हिन्दी॥
चलो हठ छोड़कर सारे बनाए सिर मुकुट इसको।
हमारे भाल की बिन्दी हमारी आन है हिन्दी॥
बसी सबके हृदय कोमल पुरानी प्रीत सी बनकर।
सदा यह देव की वाणी सुरीली तान है हिन्दी॥
बड़े ही प्रेम से जोड़े पुराने टूटते नाते।
हमें है गर्व हिन्दी पर हमारी शान है हिन्दी॥
अनुराधा चौहान'सुधी'