ललाट भी विशाल है,गले भुजंग नाग है।
तरंग शीश गंग की,त्रिनेत्र लाल आग है।।
किरीट चंद्र शोभता,शुभा सती समीप है।
गणेश भी बसे वहाँ,जले जहाँ प्रदीप है।।
त्रिलोकिनाथ देव ये,कठोरता निवास है।
शिवा बने दयाल हैं,सती समीप वास है।।
बहाव वेग गंग का,लपेट के जटा धरी
घमण्ड भाव बोलती,धरा गिरूँ छटा भरी।।
शिवा सदा करो दया,करूण ये पुकार है।
पुकारते शिवा शिवा,शिवा खड़े अकार है।।
विराट रूप ये धरे,प्रतीक रोद्र रूप हैं।
अनादि भी अनंत भी,प्रकाश का स्वरूप है।।
***अनुराधा चौहान***
पञ्चचामर छंद
वार्णिक छंद चार चरण के इस छंद में 8 लघु 8 गुरु, कुल 16 वर्ण होते हैं चरणान्त सम होना चाहिए
मात्रा भार- 1212121212121212
चित्र गूगल से साभार
तरंग शीश गंग की,त्रिनेत्र लाल आग है।।
किरीट चंद्र शोभता,शुभा सती समीप है।
गणेश भी बसे वहाँ,जले जहाँ प्रदीप है।।
त्रिलोकिनाथ देव ये,कठोरता निवास है।
शिवा बने दयाल हैं,सती समीप वास है।।
बहाव वेग गंग का,लपेट के जटा धरी
घमण्ड भाव बोलती,धरा गिरूँ छटा भरी।।
शिवा सदा करो दया,करूण ये पुकार है।
पुकारते शिवा शिवा,शिवा खड़े अकार है।।
विराट रूप ये धरे,प्रतीक रोद्र रूप हैं।
अनादि भी अनंत भी,प्रकाश का स्वरूप है।।
***अनुराधा चौहान***
पञ्चचामर छंद
वार्णिक छंद चार चरण के इस छंद में 8 लघु 8 गुरु, कुल 16 वर्ण होते हैं चरणान्त सम होना चाहिए
मात्रा भार- 1212121212121212
चित्र गूगल से साभार
अद्भुत अद्वितीय अप्रतिम सृजन सखी 👌👌👌👌
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी
Deleteवाह!!सखी ,अद्भुत!!
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी
Delete. वाह अद्भुत सृजन भगवान शिव की स्तुति इससे पहले इतनी शानदार नहीं देखी बहुत अच्छा लिखा आपने
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी
Deleteबहुत ही सुंदर सृजन, अनुराधा दी।
ReplyDeleteहार्दिक आभार ज्योति जी
Deleteअनादि भी अनंत भी,प्रकाश का स्वरूप है।।
ReplyDeleteअपने आराध्य की इतनी सुंदर स्तुति से अभिभूत हो गया हृदय, आपकी लेखनी को नमन दी।
हार्दिक आभार भाई
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (09-02-2020) को "हिन्दी भाषा और अशुद्धिकरण की समस्या" (चर्चा अंक 3606) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
हार्दिक आभार सखी
Deleteॐ नम: शिवाय !!
ReplyDeleteहार्दिक आभार आदरणीय
Deleteवाह !! शिव जी की अदभुत प्रार्थना सखी ,सादर
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी
Deleteमहाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपको भी हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीय
Deleteअद्भुत सृजन
ReplyDeleteहार्दिक आभार सखी
ReplyDeleteजय शिवशंकर, जय भोलेनाथ
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सृजन 👏 👏 👏
हार्दिक आभार सुधा जी
Deleteबहुत ही भावपूर्ण स्तुति👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏ॐ नमः शिवाय🙏🙏🙏🙏
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