Followers

Monday, May 28, 2018

माँ

  
  माँ ही जन्नत माँ ही मन्नत
माँ में सब संसार
माँ की ममता को पहचानो 
माँ ही है भगवान
न इसका तिरस्कार करो तुम
यह प्रकृति का वरदान 
कष्ट सह कर के जीवन देती
प्रथम गुरु कहलाती माँ
माँ के आगे प्रभू भी शीश झुकाते
क्योंकि प्रभू से भी ऊंची है माँ
माँ के त्याग को कभी न भूलें
हर तकलीफों से लड़ जाती माँ
हो हम उससे नाराज़ भले ही
सब भुला गले लगा लेती है माँ
सृष्टि का अनमोल नगीना
होती है हम सबकी माँ
इतनी प्यारी होती है माँ
  ***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार

6 comments:

  1. अनुराधा दी माँ की ममता और महानता का बहुत ही सुंदर चित्रण किया हैं आपने।

    ReplyDelete
  2. माँ का मनोरम रूप हमेशा दिल
    में रहता है ... उसकी कृपा बनी रहती है ...

    ReplyDelete