जग में सदैव ऊँचा अभिमान है तिरंगा।
चलना सभी उठाकर अभियान है तिरंगा॥
हर ओर गीत गूँजे जयघोष दे सुनाई।
हर द्वेष को मिटाता वरदान है तिरंगा॥
हर रंग में बसी है अपनी अलग कहानी।
जग में अनेकता की पहचान है तिरंगा॥
जब वीर वार करके अरि शीश को झुकाए।
जय घोष गुनगुनाता जयगान है तिरंगा॥
सच है नहीं कहानी कहते बड़े पुराने।
उन वीर भारती का सम्मान है तिरंगा॥
बलिदान से महकती धरती सदा हमारी।
रखना सदा बचाकर यह मान है तिरंगा॥
©® अनुराधा चौहान'सुधी'