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Friday, June 28, 2019

परिवर्तन की लहर

परिवर्तन
की लहर में
हर गाँव,गली,शहर
हो रहे नये
अविष्कार
ज्ञान के प्रकाश से
रच रहे नये कीर्तिमान

परिवर्तन
की लहर में
ऊँचाईयों को छूता
भारत
मंगल तक
पहूँच गए यान
मानव के यह काम महान

परिवर्तन
की लहर में
दम तोड़ती शराफ़त
भ्रष्ट्राचारियों का
बढ़ रहा है साम्राज्य
सच्चाई मरती
जनता का जीना दुश्वार

परिवर्तन
की लहर में
रिश्तों पर हुआ असर
मरते रिश्ते
सिमटते परिवार
जरा-सी बात पर होते तलाक
कम हो रहा आपसी प्यार

परिवर्तन
की लहर में
चढ़ती संस्कारों की बलि
पाश्चात्य संस्कृति 
पाँव पसार रही
घर के संस्कारों को बाहर निकाल

परिवर्तन
की लहर में
इंसानियत पर हावी
हैवानियत
मानवता भूल हैवान बना
इंसान के बढ़ते कुकर्म
मासूम कलियों के लेते प्राण
***अनुराधा चौहान***

4 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (30 -06-2019) को "पीड़ा का अर्थशास्त्र" (चर्चा अंक- 3382) पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ....
    अनीता सैनी

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  2. परिवर्तन के विविध पहलुओं पर साकार रचना।

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  3. बहुत बढ़िया

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