निशब्द हूँ मैं
शब्द नहीं है मेरे पास
देश में फैले भ्रष्टाचार से
धोखा फरेब के जाल से
गरीबों के उत्पीड़न से
किसानों की बदहाली से
निशब्द हूँ मैं
शब्द नहीं है मेरे पास
बेरोजगारी से त्रस्त लोग
कुपोषण से मरते
बच्चों को देख
चंद रुपयों में बिकते लोग
इंसान को डसते
इंसानों को देख
निशब्द हूँ मैं
शब्द नहीं है मेरे पास
समाज में फैली
अराजकता से
झूठ और बेईमानी से
नित बढ़ती मंहगाई से
गरीबों की लाचारी से
निशब्द हूँ मैं
शब्द नहीं है मेरे पास
नारी के उत्पीड़न से
उनकी मर्यादा के हनन से
उन मासूम सिसकियों से
पुरुषों की हैवानियत से
निशब्द हूँ मैं
शब्द नहीं है मेरे पास
***अनुराधा चौहान***
चित्र गूगल से साभार
Kya Baat Hai. बहुत खूब
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteअतिसुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद आप सभी का
ReplyDeleteधन्यवाद लोकेश जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तूति,अनुराधा।
ReplyDeleteसादर आभार ज्योती जी
ReplyDeleteसादर आभार आपका मेरी रचना को साझा करने के लिए
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteसादर आभार कुसुम जी
Deleteसुंदर कृति
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय जीवन जी
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