Followers

Friday, November 9, 2018

मीठे अनुभव

मीठे अनुभवों की
मीठी यादें देकर
पांच दिन की
धूम मचा कर
कर गई सूना मन
                          दीपावली की जगमग से
रोशन था घर और मन
मेहमानों से भरा घर आंगन
मस्ती से झूमता
बच्चों का मन
कुछ नये लम्हों की मस्ती थी
कुछ बीते लम्हों की यादें
मिलकर खूब धूम मचाई
फिर से सब हो लिए
वापस अपने घर 
लेकर नई सुनहरी यादें
चलो जिएं फिर वही जिंदगी
लेकर मन में मीठे अनुभव
चलो पल बांटें
खुशियों के हम
वक्त के साथ आगे बढ़ना
यही दुनिया की रीत है
नए अनुभवों को जीते रहना
यही जीवन से प्रीत है
***अनुराधा चौहान***

30 comments:

  1. वक्त के साथ आगे बढ़ना
    यही दुनिया की रीत है
    नए अनुभवों को जीते रहना
    यही जीवन से प्रीत है
    बिल्कुल सही कहा, अनुराधा दी। बहुत सुंदर👌👌

    ReplyDelete
  2. वाहहह.. सुंदर रचना अनुराधा जी।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद श्वेता जी आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए

      Delete
  3. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 10/11/2018 की बुलेटिन, " सेर पे सवा सेर - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद शिवम् जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए

      Delete
  4. वाह कितनी सहज और सुंदर सार्थक सच्चे दिल की गहराई से निकली भाव रचना ।
    वाह्ह।

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर अनुराधा जी !
    उमंग और उल्लास से भरे, रिश्तों के मीठे अनुभवों के ये 5 दिन, अगले 360 दिनों में खुशियों का उजाला भरने के लिए काफ़ी हैं.

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी सही कहा आपने आदरणीय बहुत बहुत आभार

      Delete
  6. आपने अनुभवों का दीप जला दिया। बहुत सुन्दर।

    ReplyDelete
  7. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक १२ नवंबर २०१८ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार श्वेता जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए

      Delete
  8. लो पल बांटें
    खुशियों के हम
    वक्त के साथ आगे बढ़ना
    यही दुनिया की रीत है
    नए अनुभवों को जीते रहना
    यही जीवन से प्रीत है.... बहुत सुंदर

    ReplyDelete
  9. बहुत सुंदर सृजन , वर्ष भर प्रतीक्षा रहती है इस त्यौहार की ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी सही कहा आपने मीना जी बहुत बहुत आभार

      Delete
  10. आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है. https://rakeshkirachanay.blogspot.com/2018/11/95.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार राकेश कुमार जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए

      Delete
  11. पाँच दिन की दीपावली ख़ुशियों और उम्मीद की रूस्टिंग के के आती है ... कई यादें छोड़ जाती हैं ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी सही कहा आपने आदरणीय बहुत बहुत आभार

      Delete
  12. वक्त के साथ आगे बढ़ना
    यही दुनिया की रीत है
    नए अनुभवों को जीते रहना
    यही जीवन से प्रीत है!!!!!!!
    बिलकुल सही प्रिय अनुराधा जी | पांच दिन का ये उत्सव जीवन को नयी उमंगों से भरकर विदा हो जाता है साथ में नए अनुभव देकर भी | खूब लिखा आपने !!!!! हार्दिक शुभकामनायें |

    ReplyDelete
    Replies
    1. सहृदय आभार रेनू जी आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए

      Delete
  13. नये अनुभव पुरानी यादे...
    कुछ नयी उम्मीदे लेकरजीवन में हर्षोल्लास भरें...
    बहुत ही सुन्दर रचना...
    वाह!!!

    ReplyDelete
  14. बहुत सुन्दर रचना सखी 👌

    ReplyDelete