सभी सीखें सही बातें पढ़ें अच्छी पढ़ाई को,
चलो जीते सभी के मन लड़े सच की लड़ाई को,
मिले सबको यहाँ खुशियाँ हमें ये काम करना है,
मिटाना है दिलों से अब सदा कड़वी बुराई को।
मिला है क्या मिलेगा क्या कभी सोचा कहाँ किसने,
भुलाना आज ही होगा हमें अपनी ढिलाई को।
बनेगा मन जरा सुंदर तभी प्यारी लगे जगती,
चलें जब साथ हम मिलके करेंगे इस भलाई को।
हटानी है उगी हैं जो जड़ें गहरी बुराई की,
कुठारी हाथ में लेलो चलो करने सफाई को।
मिलेगा क्या नहीं सोचो सभी आगे बढ़ो मिलके,
झुकेंगी देख ये आँखे डरो मत जग हँसाई को।
*अनुराधा चौहान'सुधी'*
चित्र गूगल से साभार
(गीतिका)मापनी 1222 1222 1222 1222
आपकी लिखी रचना सोमवार 21 जून 2021 को साझा की गई है ,
ReplyDeleteपांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।संगीता स्वरूप
हार्दिक आभार आदरणीया
Deleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज रविवार (२१-0६-२०२१) को 'कुछ नई बाते नये जमाने की सिखाना भी सीख'(चर्चा अंक- ४१०२) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
हार्दिक आभार सखी।
Deleteकृपया रविवार को सोमवार पढ़े।
ReplyDeleteसादर
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteहार्दिक आभार ज्योति जी
Deleteमिले सबको यहाँ खुशियाँ हमें ये काम करना है,
ReplyDeleteमिटाना है दिलों से अब सदा कड़वी बुराई को।
वाह !अति सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।
हार्दिक आभार सखी
Deleteसुंदर संदेश देती बहुत अच्छी रचना अनुराधा जी।
ReplyDeleteसस्नेह प्रणाम
सादर।
हार्दिक आभार श्वेता जी
Deleteमिले सबको यहाँ खुशियाँ हमें ये काम करना है,
ReplyDeleteमिटाना है दिलों से अब सदा कड़वी बुराई को।
बहुत सुंदर संदेश युक्त रचना अनुराधा चौहान सुधि जी 🙏
हार्दिक आभार आदरणीया शरद जी
Deleteवाह...
ReplyDeleteमिलेगा क्या नहीं सोचो सभी आगे बढ़ो मिलके,
झुकेंगी देख ये आँखे डरो मत जग हँसाई को।
हार्दिक आभार आदरणीया उषा जी
Deleteप्रेरक आह्वान।
ReplyDeleteसुंदर सृजन सखी।
वाह!!
ReplyDeleteलाजवाब गीतिका
मिले सबको यहाँ खुशियाँ हमें ये काम करना है,
मिटाना है दिलों से अब सदा कड़वी बुराई को।
हार्दिक आभार सखी
Deleteकाश लोग थोड़ा भी अमल कर पाएं इन बातों को ।।
ReplyDeleteसुंदर और सार्थक सृजन
हार्दिक आभार आदरणीया
Deleteसार्थक लेखन
ReplyDeleteहार्दिक आभार प्रीति जी
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