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Saturday, August 31, 2019

जीवन यात्रा

जन्म लेते ही शुरू होती
जीवन की कठिन यात्रा
चार लोगों से रिश्ते में बंधे
घर में संस्कारों को संमझते
सीख लेने ज़िंदगी की
पहली बार घर से निकल
गुरुकुल की और कदम बढ़ा
धीरे-धीरे जीवन को समझ
आगे बढ़ते जाते
हमारी इस जीवन यात्रा में
जुड़ते कई यादगार पल
कुछ नये रिश्ते बनते
कई दोस्त प्रिय बन जाते
कई अनुभवों से होकर
गुजरती जीवन यात्रा
कुछ बेहद कड़वे
कठिनाइयों से भरे
रास्तों से गुजरते हुए
साथ मिलता हमसफ़र का
खुशियों से झूमते
तो कभी लड़ते-झगड़ते
हर परिस्थिति में साथ निभाते
नयी ज़िंदगियों को संवारते
ज़िंदगी के अंतिम
मुकाम पर पहुँचकर
तजुर्बों की पोटली खोलकर
नयी पीढ़ी को सही राह दिखाते
जब प्रभू संदेश आता
तो सब-कुछ पीछे छोड़
अनंत यात्रा पर निकल जाते
फिर से एक नये सफर के लिए
***अनुराधा चौहान***

12 comments:

  1. जब प्रभू संदेश आता
    तो सब-कुछ पीछे छोड़
    अनंत यात्रा पर निकल जाते
    फिर से एक नये सफर के लिए

    मानव जीवन पर सुंदर शब्द चित्र दी।

    परंतु अंतिम समय तक हम यह नहीं समझते हैंं कि चिड़िया रैन बसेरा !

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    1. जी सही कहा आपने, हार्दिक आभार आदरणीय

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  2. बहुत ही कमाल आपने तो पूरी जीवन यात्रा को एक सूत्र में पिरो कर रख दिया मित्र

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  3. वाह जन्म से शाश्र्वत मृत्यु तक हर पड़ाव की यात्रा का सुंदर चित्रण सखी ।
    सुंदर सृजन।

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    1. हार्दिक आभार प्रिय सखी

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  4. इस कठिन यात्रा के पढाव में बहुत कुछ सीखना और फॉर वापस लौटा देना समाज को यही रीत है प्रकृति की ...

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    1. हार्दिक आभार आदरणीय

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  5. इस कठिन यात्रा के पढाव का सुंदर चित्रण
    अनुराधा जी वक़्त मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी आयें|
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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    1. हार्दिक आभार संजय जी

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